योगी सरकार के इस फैसले से 15,000 लोगों को मिलेगा प्रमोशन, 17 साल से अटका था फैसला
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 17 साल से अटके फैसले को प्राथमिकता के स्तर पर निपटाते हुए 15,000 लोगों केे चेहरे पर मुस्कान ला दी है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के आने के बाद 15 हजार से अधिक लोगों की जिंदगी में खुशहाली आने वाली है। बता दें कि अपने ही आदेश का पालन ना करने पर अधीनस्थों को डांट पिलाने वाले अधिकारियों की लापरवाही के चलते 17 सल से एक सरकारी का आदेश का पालन नहीं हुआ था।
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साल 2001 में ही तात्कालीन सरकार की ओर से शिक्षित सफाईकर्मियों को तृतीय श्रेणी समूह ग के लिपिक पद पर प्रमोट करने का फैसला किया था।
साल 2001 के दिसंबर में लिए गए फैसले पर अब स्थानीय निकाय निदेशालय के अपर निदेशक विशाल भारद्वाज की नजर पड़ी और उनकी ओर से सभी शिक्षित सफाईकर्मियों को प्रमोट करने की निर्देश जारी किया गया है।
पूरी होगी सालों पुरानी मांग
इस निर्देश के बाद माना जा रहा है कि 15,000 इंटर और ग्रेजुएट सफाई कर्मियों का प्रमोशन होगा और उनकी यह पुरानी मांग पूरी कर दी जाएगी।
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बता दें कि समाजवादी पार्टी की सरकार में साल 2014 के अक्टूबर के दौरान इस पर अमल तो किया गया। तमाम सफाई कर्मियों की वरिष्ठता सूची भी तैयार की गई लेकिन कुछ दिनों बाद इस ओर ध्यान नहीं दिया गया।
शासनादेश में कहा गया था
साल 2001 के दिसंबर में जो शासनादेश जारी किया गया था उसके मुताबिक हाईस्कूल या उसके बराबर योग्यता धारण करने वाले सफाई कर्मियों को प्रमोशन देने का प्रावधान है, जिन्होंने 5 साल की सेवा पूरी कर ली हो।
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शासन ने ऐसे कर्मियो को समूह ग, लिपिक संवर्ग के 15 फीसदी पदों पर प्रमोशन देने का इंतजाम किया था। इसी तरह इंटरमीडिएट या उससे अधिक शिक्षा ग्रहण करने वाले कर्मचारियों के लिए भी 5 फीसदी पदों पर प्रमोशन का कोटा निर्धारित किया गया था।
हाईकोर्ट ने भी दिया था फैसला
गौरतलब है कि इस मसले पर हाईकोर्ट ने भी निर्णय दिया था लेकिन अफसरों ने उस पर भी अमल करना ठीक नहीं समझा।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने लखनऊ नगर निगम में कार्यरत सफाई कर्मी राजेश की रिट याचिका पर साल 2001 के दिसंबर में जारी शासनादेश के अनुसार दो माह के भीतर प्रमोट करने का आदेश दिया था लेकिन उस वक्त भी कुछ नहीं किया गया था।
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