Board Exams: सीबीएसई ने दी छात्रों को राहत, पास होने के लिए ओवरऑल लाने होंगे 33 प्रतिशत मार्क्स
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 10वीं बोर्ड के छात्रों को बड़ी राहत दी है। बोर्ड ने 10वीं बोर्ड में पासिंग मार्क्स में कटौती करते हुए बताया है कि अब छात्रों को पास होने के लिए ओवरऑल 33 प्रतिशत मार्क्स लाने होंगे।
नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 10वीं बोर्ड के छात्रों को बड़ी राहत दी है। बोर्ड ने 10वीं बोर्ड में पासिंग मार्क्स में कटौती करते हुए बताया है कि अब छात्रों को पास होने के लिए ओवरऑल 33 प्रतिशत मार्क्स लाने होंगे। बोर्ड के अनुसार इस मार्क्स में इंटरनल एसेसमेंट और थियोरी के नंबर भी शामिल होंगे। ये राहत केवल इस साल बोर्ड की परीक्षा दे रहे छात्रों के लिए है।
सीबीएसई की 10वीं बोर्ड की परीक्षा 5 मार्च से शुरू होने जा रही है। इन परिक्षाओं से पहले बोर्ड ने छात्रों को बड़ी राहत देते हुए पासिंग मार्क्स में कटौती कर दी है। पहले छात्रों को पास होने के लिए बोर्ड और इंटरनल एसेसमेंट में अलग-अलग 33 प्रतिशत मार्क्स लाने होते थे। वहीं अब छात्रों को पास होने के लिए दोनों में मिलाकर 33 प्रतिशत मार्क्स लाने होंगे।
नए नियमों के मुताबिक छात्रों को इंटरनल एसेसमेंट और थियोरी मिलाकर 33 प्रतिशत मार्क्स लाने होंगे। सीबीएसई द्वारा जारी सर्कुलर में कहा गया है कि, '10वीं कक्षा के मौजूदा बैच को एंटरनल एसेसमेंट के 20 मार्क्स और बोर्ड परीक्षाओं के 80 मार्क्स में अलग-अलग पासिंग मार्क्स लाने से छूट दी गई है। अब छात्रों को हर सबजेक्ट में पास होने के लिए ओवरऑल 33 प्रतिशत मार्क्स लाने होंगे।' ये नियम अतिरिक्त सबजेक्ट्स पर भी लागू होगा।
हालांकि ये नियम वोकेशनल सबजेक्ट्स पर नहीं लागू होगा। 50 अंकों के वोकेशनल सबजेक्ट में पास होने के लिए छात्रों को इंटरनल और बोर्ड परीक्षाओं, दोनों में 33 प्रतिशत मार्क्स लाने होंगे। सीबीएसई 10वीं बोर्ड की परीक्षा सात सालों के गैप के बाद इस साल से अनिवार्य कर दी गई है। साल 2009 में मानव संसाधन मंत्रालय ने 10वीं की परीक्षा वैकल्पिक कर दी थी।
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