Fact Check: क्या ArogyaSetu ऐप के जरिए लोगों पर निगरानी रखेगी सरकार? जानिए सच
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक कोरोना ट्रैकर ऐप लॉन्च किया है, जिसे Aarogya Setu नाम दिया गया है। इस ऐप की मदद से कोरोना संक्रमित शख्स के संपर्क में आने से बचा जा सकता है। जैसे ही आप किसी संक्रमित व्यक्ति के पास से गुजरते हैं यह ऐप आपको अलर्ट कर देगा। हालांकि, सोशल मीडिया पर इसको लेकर एक दावा किया जा रहा है कि आरोग्य सेतु के जरिए लोगों पर निगरानी रखी जाएगी, जोकि पूरी तरह आधारहीन है।
सोशल मीडिया पर कई यूजर्स द्वारा दावा किया जा रहा है कि सरकार आरोग्य सेतु के जरिए व्यक्तिगत डाटा जुटाएगी, जिसके बाद सरकार ने स्पष्टीकरण जारी किया है। इसको लेकर पीआईबी के फैक्ट चेक ने ट्वीट कर बताया है कि Aarogya Setu को लेकर वायरल हो रहा दावा आधारहीन है। साथ ही ये बताया गया है कि ये ऐप किसी भी संवेदनशील निजी डाटा के साथ यूजर के स्थान और डाटा को लिंक नहीं करता है।
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इसके अलावा, ये यूजर को हैंकिंग के लिए असुरक्षित नहीं बनाता है। ये ऐप नए मामलों का पता लगाएगा और केवल उन्हीं लोगों को अलर्ट भेजेगा जो संक्रमित व्यक्ति के आस-पास रहे हैं। जैसे ही आप किसी संक्रमित व्यक्ति के पास से गुजरते हैं यह ऐप आपको अलर्ट कर देगा। ऐंड्रॉयड और आईफोन के लिए उपलब्ध इस ऐप में ब्लूटूथ, लोकेशन और मोबाइल नंबर का इस्तेमाल कोरोना संक्रमित व्यक्तियों को ट्रैक किया जाता है।
Claim: a prominent newspaper has alleged in an Op-Ed that #ArogyaSetu will be used for surveillance.
Fact: This is baseless, the App does not link user location & data with any sensitive personal data. Also, it does not make users vulnerable to hacking. pic.twitter.com/4IXstdsIkk
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) April 6, 2020
इस ऐप में कोरोना के हेल्प सेंटर और सेल्फ असेसमेंट टेस्ट जैसी जानकारी भी मौजूद है। इस ऐप को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत NIC ने डिजाइन किया है। इस ऐप को इस्तेमाल करने के लिए आपको सबसे पहले Google Play या App Store से AarogyaSetu ऐप को इंस्टॉल करना है। यह ऐप सरकार को COVID-19 संक्रमण के प्रसार के जोखिम का आकलन करने के लिए आवश्यक और समय पर कदम उठाने में मदद करेगा, और जहां आवश्यक हो आइसोलेशन सुनिश्चित करेगा।