क्या मलेरिया रोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की बिक्री भारत में प्रतिबंधित है, जानिए सच्चाई?
नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर चर्चित मलेरिया रोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को लेकर आज कल एक भ्रम तेजी वायरल हो रहा है, जिसमें कहा जा रहा है कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) मलेरिया-रोधी दवा की भारत में बेंचने की मंजूरी नहीं है। यह इसलिए क्योंकि यह दवा बिना किसी डाक्टर की परामर्श से लेना नुकसानदेह हो सकता है।
पड़ताल पर पता चला है कि मलेरिया रोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की बिक्री मेडिकल स्टोर्स पर प्रतिबंधित है और अगर किसी भी दवा स्टोर संचालक ने अपने कांउंटर पर यह दवा बेंची तो उसके खिलाफ कार्रवाई हो जाएगी। सरकार ने मेडिकल स्टोर पर इस दवा की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है।
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खाद्य एवं औषधि विभाग ने सभी मेडिकल स्टोर संचालकों को आदेश दिए हैं कि वे स्टॉक में रखी हुई मलेरिया की सारी दवा सरकारी अस्पतालों में भिजवाएं। वहीं, दूसरी ओर दवा बनाने वाली कंपनियों को भी आदेश दिया गया है कि वे एक भी टेबलेट मेडिकल स्टोर्स पर नहीं भेजेंगे, बल्कि पूरी सप्लाई सीधे सरकारी अस्पातल में भेजी जाए।
दरअसल, मेडिकल स्टोर्स से सभी मलेरिया रोधी दवाओं के अचानक गायब होने की खबर के बाद ही ऐसी अफवाहों और भ्रमों का बाजार गर्म हो गया और सोशल मीडिया में ऐसे मिथक फैलाए जाने लगे हैं, जिनमें कोई दम नहीं हैं, क्योंकि जब से इसकी पुष्टि हुई है कि कोरोना वायरस पर नियंत्रण में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा कारगर तो मेडिकल स्टोर्स पर इस दवा को लेकर मारामारी शुरू हो गई।
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मुंबई स्थित फार्मा कंपनी आईपीसीए लैब में संयुक्त प्रबंध निदेशक अजीत कुमार ने भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे ऐसे मैसेजेज एक भ्रम बताया हैं, जिनमे कोई सच्चाई नहीं है। उन्होंने बताया कि एचसीक्यू उत्पादन के लिए आवश्यक 2 प्रमुख शुरुआती सामग्री का उत्पादन भारत में ही किया जाता है। कंपनी न तो शुरुआती सामग्री और न ही दवा विदेशों से दवा आयात करती हैं।
A myth is going viral across social media that Hydroxychloroquine (HCQ) is an anti-Malarial drug. But in India, it has no approval as an anti-Malarial drug: Ajit Kumar Jain, Joint Managing Director, IPCA Laboratories, Mumbai. #COVID19 pic.twitter.com/mZtitDDwNI
— ANI (@ANI) April 11, 2020
आईपीसीए के सीईओ के मुताबिक मलेरिया रोधी दवा हाईड्रोक्सीक्लोरोक्वीन सीधे मार्केट या बाजार में उपलब्ध नहीं हो सकती है इसलिए सोशल मीडिया में इस तरह के झूठ और भ्रम फैलाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह दवा कंपनी दुनिया भर में निर्यात करती हैं। पहले कंपनी अमेरिका की आपूर्ति लाइन में नहीं थी, लेकिन अब कंपनी को यह छूट मिली है।
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उन्होंने बताया कि कंपनी ने गत 16 मार्च से राज्य और केंद्र सरकार को 4 करोड़ टैबलेट की आपूर्ति की है और 1 करोड़ टैबलेट ट्रांजिट में हैं, जिन्हें जल्द ही केंद्र को आपूर्ति की जाएगी और 15 अप्रैल से पहले राज्य और केंद्र सरकार के पास 5 करोड़ टैबलेट उपलब्ध हो जाएंगे।
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कंपनी सीईओ अजीत कुमार ने स्पष्ट करते हुए बताया कि कंपनी के पास एक महीने में 20 टन एचसीक्यू एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रीडिएंट (एपीआई) का उत्पादन करने की क्षमता है, जो 10 करोड़ टैबलेट बना सकती है।
उल्लेखनीय है मलेरिया रोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा को सीधे मेडिकल स्टोर पर बेचना प्रतिबंधित है, इसलिए सोशल मीडिया पर इस तरह के भ्रम फैलाया जा रहे हैं। दवा के दुरुपयोग के मद्देनजर कंपनियों को यह दवा केवल सरकारी अस्पतालों में सप्लाई करने का आदेश दिया गया है। इसलिए यह दवा सिर्फ सरकारी अस्पतालों अथवा उन निजी हॉस्पिटलों में मौजूद हैं, जहां कोरोना संक्रमित मरीज भर्ती हैं।
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