भारत ने 13 देशों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा के निर्यात की दी मंजूरी, जानिए किसे कितनी टैबलेट
नई दिल्ली। भारत सरकार ने 13 देशों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा भेजने के लिए पहली खेप को मंजूरी दे दी है। इस लिस्ट में अमेरिका, बांग्लादेश, कनाडा समेत 13 देशों को ये दवा भेजी जाएगी। इस लिस्ट में बताया गया है कि अमेरिका ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की 48 लाख टेबलेट मांगी हैं, उनको इस लिस्ट में 35.82 लाख टेबलेट की मंजूरी मिली है।
जर्मनी को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की 50 लाख टेबलेट दूसरे कंसाइनमेंट में दी जाएंगी। पहली लिस्ट में उन्हें 1.5 एमटी एपीआई मिला है। बांग्लादेश को 20 लाख टेबलेट, नेपाल को 10 लाख, भूटान को 2 लाख, श्रीलंका को 10 लाख टेबलेट (ये पहले कंसाइनमेंट में नहीं हैं) वहीं अफगानिस्तान को 5 लाख और मालदीव को 2 लाख टेबलेट मिली हैं। ब्राजील और कनाडा को दूसरे कंसाइनमेंट में 50 लाख टेबलेट भारत भेजेगा।
कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते संकट के बीच वाली मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की मांग काफी बढ़ी है। भारत में ही ये दवा सबसे ज्यादा बनती है। ऐसे में अमेरिका, ब्राजील समेत कोई 30 देश भारत से इस दवा की आपूर्ति करने की मांग कर चुके हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत के इस दवा पर निर्यात से रोक ना हटाने पर बदले की कार्रवाई तक की बात कह दी थी।
डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम नरेंद्र मोदी के साथ हुई टेलीफोन बातचीत में क्लोरोक्विन दवा का निर्यात करने के लिए कहा था।बाद में ट्रंप ने बताया भी कि, हमने मोदी से मलेरिया के इलाज में काम आने वाली दवा हाइड्राक्लीक्लोरोक्विन दवा का निर्यात खोल दे। भारत में यह दवा बड़े पैमाने पर बनती है। यह दवा कोरोना के इलाज में भी कारगर है। मोदी ने कहा है कि वह गंभीरता से विचार करेंगे। ब्राजाली के राष्ट्रपति जे एम बोलसोनारो ने भी ट्विट कर कहा कि, 'उनकी भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी से बात हुई है और भारत से हाइड्राक्लीक्लोरोक्विन की आपूर्ति जारी रखने का आग्रह किया गया है। हम लोगों की जान बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते।
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