पदम पैलेस पर कब्जा मामले में वीरभद्र सिंह, उनके बेटे के खिलाफ केस दर्ज
शिमला। अपने जमाने में पहाड़ी रियासतों में अहम रामपुर बुशहर रियासत के पदम पैलेस में हिस्सेदारी का विवाद गहरा गया है। विवाद के चलते रामपुर रियासत के आखिरी वारिस प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह उनके विधायक बेटे व दो अन्यों के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है।
सारा विवाद पदम पैलेस में हिस्सेदारी व उसके बंटवारे को लेकर है। वीरभद्र सिंह के भतीजे राजकुमार राजेश्वर सिंह ने रामपुर थाना में शिकायत दर्ज कराई है कि उनके पुश्तैनी राज महल पदम पैलेस पर पूर्व सीएम वीरभद्र, उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह व दो अन्य ने जबरन कब्जा कर लिया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि रामपुर स्थित पदम महल के एक हिस्से में, जिस पर उनका कब्जा था, उस हिस्से में 9 मई को वीरभद्र सिंह व अन्य ने जबरन कब्जा कर लिया।
शिकायतकर्ता राजकुमार राजेश्वर सिंह ने आरोप लगाया है कि पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह, उनके विधायक पुत्र विक्रमादित्य सिंह, पूर्व ईएनसी एसपी नेगी व रामपुर के युवा कांग्रेस अध्यक्ष जसबीर जस्सी आदि ने 9 मई को करीब 11:30 बजे रामपुर स्थित ऐतिहासिक पदम पैलेस के शीश महल की ओर वाले उन के हिस्से में जबरन कब्जा किया। ताले तोड़े और सामान को बाहर निकाल दिया।
इस दौरान राजकुमार राजेश्वर सिंह के महल के केयरटेकर व चौकीदार का सामान भी बाहर फेंक कर कमरों में ताले लगा दिए। इसकी शिकायत राजकुमार राजेश्वर सिंह के महल केयरटेकर मस्तराम ने रामपुर थाने में दर्ज कराई थी। लेकिन, अगले ही दिन केयरटेकर ने शिकायत वापस ले ली। उसके बाद राजकुमार राजेश्वर सिंह ने वीरभद्र सिंह व अन्य तीन के खिलाफ शिकायत पुलिस को दी। पुलिस के अनुसार राजकुमार राजेश्वर सिंह की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है। जांच जारी है। जांच अधिकारी अतिरिक्त थाना प्रभारी रविंद्र ने बताया कि मामला दर्ज करने के बाद आगे की कार्रवाई की जा रही है।
उधर, राजकुमार राजेश्वर सिंह ने बताया कि पूर्व सीएम ने अपने प्रभाव व राजनीतिक पहुंच के दम पर उनके महल परिसर को जबरन कब्जा करने का प्रयास किया। उनका प्रयास था कि किसी तरह मामला भी दर्ज ना हो। उन्होंने बताया कि पदम महल परिसर में शुरू से ही रह रहे हैं और वे उस के हकदार हैं। लेकिन, वीरभद्र सिंह ने उनके हिस्से के महल में जबरन कब्जा कर हथियाने का प्रयास किया है।