क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

पश्चिम दिशा: भूलकर भी न करें ये गलतियां वरना...

By पं. गजेंद्र शर्मा
Google Oneindia News

नई दिल्ली। पश्चिममुखी भवनों को लेकर लोगों के मन में कई सवाल रहते हैं कि क्या पश्चिममुखी घर फायदा देगा या हमेशा नुकसान बना रहेगा। नुकसान होगा तो किस प्रकार का होगा। कई बार सबकुछ ध्यान रखते हुए भी कोई न कोई दोष या कमी रह जाती है।

उत्तर दिशा: ध्यान रखेंगे कुछ बातें तो बरसेगा धनउत्तर दिशा: ध्यान रखेंगे कुछ बातें तो बरसेगा धन

वास्तुशास्त्र दिशाओं पर हुए आधारित है इसलिए यह तो तय है कि वास्तुशास्त्र के नियमों का पालन करने के लिए दिशाओं को महत्व देना आवश्यक है।

सभी दिशाएं शुभ और अशुभ होती हैं

सभी दिशाएं शुभ और अशुभ होती हैं

किंतु ऐसा भी नहीं है कि सभी दिशाएं शुभ और अशुभ होती हैं। वस्तुतः यदि शुभ दिशा में बने भवन में भी कोई वास्तुदोष है तो वह भी लाभ नहीं देगा और यदि अशुभ दिशा में बने भवन के लिए वास्तुदोष निवारण के उपाय कर लिए जाएं तो वह भी मनमुताबिक परिणाम देने लगता है। आइये आज हम जानते हैं पश्चिममुखी भवन के बारे में।

पश्चिम दिशा का स्वामी वरुण देव

पश्चिम दिशा का स्वामी वरुण देव

पश्चिम दिशा का स्वामी वरुण देव है। इस दिशा के ऋषि अगस्त्य हैं और जल पर इनका प्रभाव है। इस दिशा पर शनि ग्रह का प्रभाव रहता है। यह सूर्यास्त की दिशा है इसलिए पश्चिम की ओर मुंह करके बैठना या कोई कार्य करना मन में तनाव पैदा करता है। वास्तु के अनुसार पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके भोजन किया जा सकता है, सीढि़यां, बगीचा आदि भी इस दिशा में रखे जा सकते हैं, लेकिन पश्चिम की ओर सोना अनेक प्रकार की परेशानियों का कारण बनता है।

पश्चिम दिशा का प्रतिनिधि ग्रह शनि

पश्चिम दिशा का प्रतिनिधि ग्रह शनि

  • पश्चिम दिशा का प्रतिनिधि ग्रह शनि है। यह स्थान कालपुरुष का पेट और उसके नीचे का स्थान माना गया है।
  • यदि किसी भवन में पश्चिम दिशा का भाग नीचा हो तो परिवार में श्वांस, फेफड़े, मुख, छाती और त्वचा के रोग बने रहते हैं।
  • पश्चिम भाग नीचा होने से उस परिवार में रहने वाले पुरुषों की बीमारियों पर अत्यधिक धन खर्च होता है।
  • पश्चिम भाग का जल या वर्षा

    पश्चिम भाग का जल या वर्षा

    • यदि घर के पश्चिम भाग का जल या वर्षा का जल पश्चिम भाग से बहकर बाहर जाए तो परिवार के पुरुषों को लंबी बीमारियों का शिकार होना पड़ता है।
    • यदि भवन का मुख्य द्वार पश्चिम की ओर है धन संचय में परेशानी आती है। व्यर्थ के कार्यों में धन व्यय होता है।
    • पश्चिम दिशा में रसोईघर बनाना निषिद्ध माना गया है। ऐसा है तो उस भवन में रहने वालों को गर्मी, पित्त और फोड़े-फुंसी की समस्या बनी रहती है।
    • आपका घर यदि पश्चिममुखी है तो ध्यान रखें इस दिशा में खाली जगह ज्यादा न छोड़ें। इस तरह के घर ऐसे बनाए जाएं जो सीधे रोड से लगे हुए हों।
    •  पश्चिम दिशा का दोष कैसे करें दूर

      पश्चिम दिशा का दोष कैसे करें दूर

      • भवन की पश्चिम दिशा दोषपूर्ण है तो इसके निवारण के लिए पश्चिमी दीवार पर वरुण यंत्र स्थापित करें।
      • परिवार का मुखिया लगातार 11 शनिवार व्रत रखें। गरीबों को काले चने वितरित करें।
      • पश्चिम के परकोटे की दीवार की ऊंचाई अधिक रखें और इस दिशा में ढाल न रखें।
      • पश्चिम दिशा में अशोक का वृक्ष लगाएं।
      • पश्चिम दिशा के भवन उन लोगों के लिए लाभदायक होते हैं जो शिक्षा, राजनीति, धार्मिक या कॉरपोरेट बिजनेस करना चाहते हैं।
      • पश्चिममुखी भवनों में मुख्य दरवाजा उत्तर-पश्चिम दिशा में हो तो शुभ है। बरामदे का गेट भी उत्तर दिशा में बनाना संभव हो तो बनाना चाहिए।

Comments
English summary
West facing houses are – or I should say, have somehow become – third choice for people; first and second choices being North and East oriented houses respectively.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X