Weather Predictions: जानिए कब, कहां और कैसे बरसेंगे बादल?
लखनऊ। अषाढ़ कृष्ण पंचमी दिन शनिवार 22 जून को सूर्य को सायं 5:18 मिनट पर आर्दा नक्षत्र में प्रवेश करेगा। वर्षा काल की अवधि 22 जून से 23 अगस्त तक है। अषाढ़ कृष्ण पक्ष में यानि 18 जून से 02 जुलाई के मध्य वायु वेग के साथ हल्की वर्षा की सम्भावना होगी। अषाढ़ शुक्ल पक्ष में 'सूर्य, मंगल, बुध' सजल नाड़ियों में स्थित है, गुरू पवन नाड़ाी में हैं, शुक्र, शनि, केतु सौम्य नाड़ाी में स्थित है। इस काल खण्ड में यानि 3 जुलाई से 16 जुलाई के मध्य सामान्य वर्षा तथा बादल के योग बन रहें है।
17 जुलाई से 01 अगस्त तक
श्रावण कृष्ण 17 जुलाई से 01 अगस्त तक गुरू के अतिरिक्त शेष अन्य ग्रह सजल नाड़ियों में संचारित होंगे। इस काल में पर्याप्त वर्षा के योग बन रहे है। श्रावण शुक्ल पक्ष 02 अगस्त से 15 अगस्त के मध्य गुरू के अतिरिक्त अन्य ग्रह सजल और सौम्य नाड़ियों में रहेंगे। उक्त समय में बिजली की गड़गड़ाहट के साथ अच्छी वर्षा की सम्भावना है। भाद्रपद कृष्ण पक्ष में 16 अगस्त से 30 अगस्त की समयावधि में सूर्य और शुक्र अमृत नाड़ाी में मंगल व बुध अमृत तथा जल नाड़ियों में रहेंगे। इस पक्ष में वायु वेग के साथ तेज वर्षा की सम्भावना रहेगी।
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भाद्रपद शुक्ल पक्ष
भाद्रपद शुक्ल पक्ष 31 अगस्त से 14 सितम्बर तक की समयावधि में मध्यम वर्षा के योग है। 15 सितम्बर से 28 सितम्बर तक हल्की वर्षा की सम्भावना है। 27 दिसम्बर से 10 जनवरी 2020 ई0 के कालखण्ड में तीव्र शीतलहर के साथ पर्वतीय क्षेत्रों में बादल चसल के साथ कहीं कहीं छिटपुट वर्षा के योग है।
माघ कृष्ण पक्ष
माघ कृष्ण पक्ष 11 जनवरी से 24 जनवरी तक की समयावधि उत्तरी भारत में तीव्र शीत लहर और हिमालय के पर्वतीय क्षेत्रों में ओलावृष्टि तथा उॅचें पर्वत शिखरों पर हिमपात की सम्भावना रहेगी। माघ शुक्ल पक्ष से फाल्गुन कृष्ण पक्ष तक 25 जनवरी से 23 फरवरी तक हिमालय के पर्वतीय क्षेत्रों में सामान्य वर्षा व हिमपात के योग है। 24 फरवरी से मार्च तक उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों में हल्की खण्डवृष्टि की सम्भावना रहेगी।
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