त्वचा पर सफेद दाग देता है कमजोर बुध, सूर्य-मंगल-शुक्र भी बनते हैं कारण
Vitiligo or white spot gives weak Mercury Said Astrologer: ज्योतिष शास्त्र में प्रत्येक ग्रह से जुड़े रोग और पीड़ाओं का विस्तार से वर्णन मिलता है। अनियमित खानपान, स्मोकिंग व ड्रिंक की आदत और बिगड़ती लाइफस्टाइल के कारण कम उम्र में त्वचा पर बुढ़ापे जैसे लक्षण नजर आने लगे हैं। आजकल लोगों में त्वचा खराब होने जैसे अनेक मामले देखे जा रहे हैं। अनेक त्वचारोग विशेषज्ञों से इलाज करवाने के बाद भी समस्या से छुटकारा नहीं मिल पा रहा है। वैदिक ज्योतिष की दृष्टि से देखें तो त्वचा का कारक ग्रह मुख्य रूप से बुध होता है। यह संपूर्ण शरीर की बाहरी त्वचा को नियंत्रित करता है। लेकिन इसके अलावा सूर्य, मंगल और शुक्र भी त्वचा को अच्छी या बुरी बनाने में भूमिका निभाते हैं।
त्वचा से संबंधित अनेक रोग होते हैं जिनमें ल्यूकोडर्मा या सफेद दाग होना एक ऐसा रोग है जो व्यक्ति में हीन भावना पैदा करता है। वह दूसरों के सामने खुद को जाने से बचता है। दूसरे लोग भी इसे हेय दृष्टि से देखते हैं।दरअसल, ल्यूकोडर्मा या सफेद दाग एक सामान्य त्वचा रोग है, जिसमें त्वचा के भीतर मेलानिन बनना बंद हो जाता है जो त्वचा के रंग को नियंत्रित करता है। इसके फलस्वरूप त्वचा पर सफेद दाग होने लगते हैं। यह बढ़ते-बढ़ते पूरे शरीर पर फैल जाते हैं। लोगों में इसे लेकर भ्रम है कियह कोढ़ की बीमारी है लेकिन ऐसा नहीं है। कोढ़ और यह बिलकुल अलग है।
कौन ग्रह क्या करता है
- बुध : यह बाहरी त्वचा का कारक होता है। त्वचा का कोई भी रोग उभरता है तो इसी त्वचा पर दिखाई देता है। बुध पीड़ित होने पर बाहरी त्वचा खराब होने लगती है।
- सूर्य : सूर्य को आरोग्य का कारक ग्रह है। सूर्य से शरीर का तेज और चमक बरकरार रहती है। सूर्य पाप ग्रह है यदि इस पर अन्य पाप ग्रहों की दृष्टि हो तो यह शरीर को कुम्हला देता है। खराब सूर्य वाले जातक की त्वचा में चमक नहीं होती।
- मंगल : मंगल रक्त और शरीर में ऊतकों के निर्माण में सहायक होता है। मंगल खराब होने पर रक्त विकार पैदा होते हैं, जिससे त्वचा पर दाने उभरना, कील-मुहांसे की समस्या होती है। खुजली, रेशेज की समस्या भी मंगल के कारण होती है।
- शुक्र : शुक्र का संबंध सौंदर्य से है। जिस जातक का शुक्र मजबूत होता है वह आकर्षक, खूबसूरत होता है। उसकी त्वचा निखरी रहती है और चमकदार होती है। शुक्र खराब हो तो त्वचा की चमक खो जाती है।
ये हैं सफेद दाग के कारण
- लग्न में पीड़ित बुध, शुक्र या सूर्य होने पर सफेद दाग की समस्या होती है।
- छठा भाव रोग का भाग है। लग्न, छठा और आठवां भाव में पाप ग्रह ज्यादा हों तो सफेद दाग होता है।
- लग्नेश का दोष युक्त होना सफेद दाग का कारण बनता है।
- मंगल यदि छठे भाव का स्वामी होकर लग्न में बैठा हो तो सफेद दाग होने की संभावना रहती है।
- कुंडली में शुक्र अस्त हो अर्थात् सूर्य के साथ शुक्र हो और पाप ग्रहों की दृष्टि हो तो सफेद दाग होते हैं।
- चंद्र और बुध की युति पर राहु-केतु की दृष्टि होने पर भी सफेद दाग होते हैं।
- बुध के साथ केतु यदि शनि की राशि मकर-कुंभ में हो और बुध की राशि मिथुन या कन्या में शनि हो तो सफेद दाग की समस्या होती है।
- रोग भाव छष्ठम में मंगल और बुध पीड़ित हो तो त्वचा रोग होते हैं।
यह उपाय करें
- नवग्रह का पेंडेंट पहनें। नवग्रह स्तोत्र का नियमित पाठ करें।
- बथुआ की सब्जी खाना और पानी में बथुआ उबालकर उसके पानी से 6 माह तक रोज नहाने से सफेद दाग दूर हो जाते हैं।
- अखरोट खाने से सफेद दाग दूर होते हैं।
- बुध की शांति के निमित्त हरे मूंग का दान करना लाभदायक होता है।
- हरे मूंगे की माला या फिरोजे की माला से बुध के मंत्रों का जाप नियमित रूप से करें।
- मोती शंख में जल भरकर 24 घंटे रखें और उसे प्रभावित त्वचा पर लगाने से सफेद दाग दूर होते हैं।
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