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अगर चाहते हैं घर में केवल खुशी तो अपनाइए ये अनमोल टिप्स

By पं. गजेंद्र शर्मा
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नई दिल्ली। एक भव्य बंगले की चाहत हर व्यक्ति के मन में होती है। अपने सपनों का मकान बनवाने के लिए हर व्यक्ति पूरे जीवन की पूंजी लगा देता है। इस तरह पूरे जीवन के सपने को जब कोई व्यक्ति साकार रूप देता है, तो उसकी स्वाभाविक इच्छा होती है कि मकान ऐसा बने, जो सुंदर, भव्य और सुविधाजनक होने के साथ-साथ लाभप्रद भी हो।

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वास्तुशास्त्र मानता है कि हर मकान का भी भाग्य और भाग्यफल होता है, जो उसके निर्माण के प्रत्येक चरण के साथ और उसके अनुरूप फलदायी होता है। वास्तुशास्त्र के अनुसार यदि मकान का निर्माण संपूर्ण दिशा-नियमों का पालन कर किया जाए, तो कोई भी मकान सुखद फलदायी हो सकता है।

तो आज जानते हैं उन वास्तु सम्मत दिशा- नियमों को, जिन्हें अपनाकर पाया जा सकता है एक आदर्श मकान-

आदर्श मकान की स्थिति

आदर्श मकान की स्थिति

  • वास्तु नियमों के अनुसार आदर्श मकान की स्थिति पृथ्वी के अनुरूप होना चाहिए। चूंकि पृथ्वी अंडाकार है, इसीलिए मकान भी यदि अंडाकार हो, तो वह हर तरह से लाभप्रद होता है।
  • पृथ्वी पर सूर्य का प्रकाश सदा ही पूर्व दिशा से सबसे पहले आता है, इसीलिए मकान का प्रवेशद्वार हमेशा पूर्व दिशा में होना चाहिए।
  • मकान के चारों तरफ खुली जगह होना शुभ होता है।
  • प्लॉट के उत्तर में खुली जगह अधिक होना चाहिए और दक्षिण में कम। इसी तरह पूर्व में ज्यादा खुली जगह हो और पश्चिम में कम, तो परिणाम अधिक अनुकूल मिलते हैं।
  • मकान का प्रवेशद्वार

    मकान का प्रवेशद्वार

    • मकान का प्रवेशद्वार पूर्व या दक्षिण-पूर्व में होना चाहिए।
    • मकान की अधिक खिड़कियां पूर्व और दक्षिण दिशा में होना उत्तम रहता है।
    • मकान का बरामदा या अहाता पूर्व एवं दक्षिण-पूर्व में होना चाहिए।
    • मकान में पानी की व्यवस्था यानि कुआं, हैंडपंप या पानी की टंकी पूर्व-उत्तर एवं ईशान्य में होना अच्छा रहता है।
    • दक्षिण-पूर्व

      दक्षिण-पूर्व

      • मकान में पहली मंजिल पर यदि टैरेस, छज्जा या बालकनी बनवा रहे हैं तो यह दक्षिण-पूर्व या पूर्व में होना चाहिए।
      • मकान में अधिक चौड़ी दीवारें पश्चिम, दक्षिण एवं दक्षिण-पश्चिम में बनवाई जाना चाहिए।
      • किचन हर हालत में दक्षिण-पूर्व दिशा में ही होना चाहिए। इससे सूर्य की किरणें पूर्व-पश्चिम से मिलेंगी और ताजी हवा दक्षिण दिशा से रसोई में आएगी।
      • मकान के दरवाजे दक्षिण एवं पश्चिम दिशा में कम होने चाहिए। उत्तर और पूर्व में दरवाजों की अधिक संख्या अच्छी मानी जाती है।
      • मकान में पूजाघर

        मकान में पूजाघर

        • यदि मकान के चारों तरफ चारदीवारी या बाउंड्री वॉल बनवा रहे हैं तो दक्षिण तथा पश्चिम में इसकी ऊंचाई अधिक रखें। उत्तर एवं पूर्व में ऊंचाई कम ठीक रहती है।
        • मकान में पूजाघर हमेशा उत्तर-पूर्व में बनवाया जाना चाहिए।
        • एक बात का विशेष ध्यान रखें कि मकान में दरवाजे और खिड़कियां सम संख्या में ही बनवाएं।
        • नियमों के अनुरूप

          नियमों के अनुरूप

          अपना मकान व्यक्ति के जीवन की सबसे बड़ी ख्वाहिश होती है। अपना मकान बनवाना और उस मकान में सुखपूर्वक रहना हर व्यक्ति चाहता है। वास्तुशास्त्र इस इच्छा को सही मायनों में पूरा कर सकता है। तो आप भी अपना मकान वास्तु सम्मत नियमों के अनुरूप बनवाएं और पाएं एक आदर्श मकान।

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English summary
A home other than being only a house to live, it is an increase of our mental space and indication of our identity. here is Vastu Shastra Tips for Home.
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