Saturn Retrograde: शनि 4 जून से 23 अक्टूबर तक होगा वक्री, बदलेगा साढ़ेसाती का गणित
नई दिल्ली, 02 जून। शनि ने 29 अप्रैल 2022 को कुंभ राशि में प्रवेश किया है और अब 4 जून से यह वक्री होने जा रहा है। शनि के कुंभ राशि में प्रवेश करने के कारण मकर, कुंभ, मीन पर क्रमश: साढ़ेसाती का अंतिम, द्वितीय और प्रथम ढैया चल रहा है। इसी तरह कर्क और वृश्चिक राशि पर लघुकल्याण ढैया चल रहा है। अब 4 जून से वक्री होने के कारण शनि वक्रावस्था में उल्टा चलते हुए 12 जुलाई को पुन: पिछली राशि मकर राशि में प्रवेश करेगा। 12 जुलाई से शनि का गोचर मकर राशि में होने के कारण पुन: साढ़ेसाती का गणित बदल जाएगा। शनि के वक्री रहने की अवधि कुल 141 दिन रहेगी।
Recommended Video
23 अक्टूबर 2022 को शनि मकर राशि में ही मार्गी होगा और गोचर करते हुए 17 जनवरी 2023 को पुन: कुंभ राशि में प्रवेश करेगा। इस प्रकार 12 जुलाई 2022 से 17 जनवरी 2023 तक शनि का मकर राशि में गोचर चलेगा। इसके अनुसार कुल 190 दिन शनि पुन: मकर राशि में गोचर करेगा। इस कारण साढ़ेसाती का गणित बदल जाएगा। इन 190 दिनों तक धनु राशि पुन: साढ़ेसाती के प्रभाव में आएगी और मीन राशि इस दौरान साढ़ेसाती से मुक्त हो जाएगी। लघु कल्याणी ढैया भी पुन: 190 दिनों के लिए मिथुन और तुला राशि पर लग जाएगा।
Kundali: संतान प्राप्ति में बाधा बनता है पंचम स्थान का राहु
ऐसे होगा शनि का गोचर
- 4 जून 2022 से शनि कुंभ में वक्री
- 12 जुलाई 2022 को वक्री शनि मकर में
- 23 अक्टूबर 2022 को शनि मार्गी मकर में
- 17 जनवरी 2023 को शनि पुन: कुंभ में
साढ़ेसाती
- 4 जून से 12 जुलाई : मकर, कुंभ, मीन
- 12 जुलाई से 17 जनवरी : धनु, मकर, कुंभ
- 17 जनवरी के बाद : मकर, कुंभ, मीन
लघु कल्याणी ढैया
- 4 जून से 12 जुलाई : कर्क, वृश्चिक
- 12 जुलाई से 17 जनवरी : मिथुन, तुला
- 17 जनवरी के बाद : कर्क, वृश्चिक