शनि हो रहे हैं अस्त, साढ़ेसाती वालों को मिलेगी राहत
नई दिल्ली। नवग्रहों में शनि को न्यायाधिपति का पद प्राप्त है। वे प्रत्येक मनुष्य को उसके कर्मों के हिसाब से दंड देते हैं। वहीं अच्छे कर्म करने वालों को पुरस्कार भी प्रदान करते हैं। किसी जातक के जीवन पर सूर्य के बाद सबसे ज्यादा प्रभाव शनि का ही होता है। इसलिए शनि से लोग भयभीत रहते हैं। शनि की साढ़ेसाती और ढैया के दौरान जातक विभिन्न प्रकार की परेशानियों से घिर जाता है, लेकिन अभी साढ़ेसाती और ढैया वालों के लिए कुछ राहतभरे दिन आ रहे हैं।
15 दिसंबर को तड़के 4.49 बजे अस्त हो रहे हैं शनि
शनि मार्गशीर्ष शुक्ल अष्टमी शनिवार दिनांक 15 दिसंबर को तड़के 4.49 बजे अस्त हो रहे हैं। शनि के अस्त होते ही वे लोग परेशानियों से राहत महसूस करेंगे जिन पर साढ़ेसाती या ढैया चल रहा है। साथ ही उन्हें भी राहत मिलेगी जिनकी कुंडली में शनि की महादशा चल रही है या शनि खराब स्थिति में है। शनि के अस्त हो जाने से उसका प्रकोप कम होगा। शनि पौष शुक्ल त्रयोदशी शनिवार दिनांक 19 जनवरी को प्रातः 8.17 बजे उदय होंगे।
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वर्तमान में शनि धनु राशि पर चल रहे हैं
वर्तमान में शनि धनु राशि पर चल रहे हैं। इसलिए वृश्चिक, धनु और मकर राशि पर साढ़ेसाती चल रही है। जिसमें से वृश्चिक पर साढ़ेसाती का अंतिम चरण, धनु पर द्वितीय चरण और मकर राशि पर पहला चरण चल रहा है। इसी प्र्रकार वृषभ और कन्या राशि पर शनि का लघु कल्याणी ढैया चल रहा है। अतः इन पांच राशि वालों को अभी किसी न किसी रूप में परेशानियों, संकटों, मानसिक तनाव, आर्थिक अभावों का सामना करना पड़ रहा है। शनि के अस्त होने से उनका प्रभाव इन राशियों पर कम हो जाएगा इसलिए राहत महसूस होगी।
शनि अस्त होने के लाभ
- शनि के अस्त हो जाने से समस्त राशि वाले जातकों को कष्टों से राहत मिलेगी। जिनके आर्थिक कार्य अटके हुए थे वे पूरे हो जाएंगे।
- शनि वाहन और भवन सुख का दाता है। जो लोग नया भवन या वाहन खरीदना चाहते हैं वे इस दौरान खरीद लें तो शुभ होगा।
- आर्थिक परेशानियों से काफी हद तक राहत मिलेगी। धन आने का मार्ग खुलेगा। इस लगभग 36 दिन की अवधि में आय के नए स्रोत मिलेंगे।
- ढैया और साढ़ेसाती वालों को शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलेगी।
- बीमारियों पर हो रहे खर्च में कमी आएगी।
अधिक लाभ के लिए ये उपाय करें
भगवान शिव और हनुमानजी की आराधना शनि के कष्टों से मुक्ति दिलाती है। शनि के अस्त होने से वैसे कों संकट कम हो जाएंगे, लेकिन इस समय का अधिक से अधिक लाभ लेने के लिए इन 36 दिनों में शिव और हनुमान की आराधना करें। भगवान शिव को नियमित रूप से जल और कच्चा दूध अर्पित करें। हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करें।
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