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महिलाओं की बनावट से जानिए उनके शुभ-अशुभ लक्षणों की पहचान

ज्योतिष शास्त्र का एक भाग है समुद्रिक शास्त्र। इस शास्त्र में स्त्री-पुरूष के अंगो के आधार पर भविष्यफल कहा गया है।

By पं. अनुज के शुक्ल
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लखनऊ। ज्योतिष शास्त्र में महिलाओं के बारें का काफी बखान किया गया है। महिलायें कैसे होगी, उनके शुभ-अशुभ लक्षणों की पहचान क्या है, उनकी प्रकृति क्या है, उनका आने वाला भविष्य कैसा होगा आदि। आज हम आपको महिलाओं के विषय में कुछ रोचक जानकारी देने का प्रयास कर रहा है।

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सामुद्रिक शास्त्र में पॉच प्रकार की स्त्रियों के बारें में चर्चा की गई है। उन पॉच प्रकार की महिलाओं के लक्षण क्या कहते है।

शंखिनी महिलायें

शंखिनी महिलायें

जो थोड़ी दुर्बल, थोड़ी मोटी, नाक मोटी व ऑखे अस्थिर और आवाज थोड़ी गम्भीर होती है। ऐसी स्त्रियॉ शंखिनी की श्रेणी में आती है। ये हमेशा दुःखी, नाक पर क्रोध रहना, बात-बात पर झगड़ना, अपने-आपको नियन्त्रित न कर पाने वाली होती है। पति की बातों को नजरअंदाज करना, सदैव भोग-विलास के बारे में सोचना, सवेदनशीलता की कमी, दूसरों की बातों पर टीका-टिप्पणी करना, अपने पड़ोसियों का लताड़ना इनकी आदत में शामिल होता है। ऐसी स्त्रियों को वृद्धावस्था में काफी कष्टों का भी सामना करना पड़ता है। इनकी मृत्यु भी पति के बाद ही होती है।

पुश्चली महिलायें

पुश्चली महिलायें

लक्षण-मस्तक का रंग मलीन, चेहरे पर उदासी, इनकी ऑखें बड़ी और हाथ पैर छोटे होते है। हाथों की अॅगुलियॉ बेढंगी और बाल रूखे होते है। इनके हाथ में दो शंख वा नाक पर तिल होता है।
इन स्त्रियों में लज्जा भाव की कमी होती, बोलने में स्पष्टवादी, अपना काम निकलवाने में चतुर होती है। ये अपने पति की अपेक्षा दूसरों पुरूषों के प्रति ज्यादा आकर्षित रहती है। इनका साधारण सा बातचीत करना भी ऐसा लगता है मानव किसी से लड़ रही है। इनके स्वभाव के कारण लोग इन्हें ज्यादा पसन्द नहीं करते है।

पदमिनी महिलायें

पदमिनी महिलायें

लक्षण-इनकी गर्दन शंख के समान होती है, नाक, कान, ऑखे व मस्तक आदि छोटे होते है। पैर का अॅगुठा मॉसल व सुगठित होता है। इनके बाल काले, घने लम्बे होते है।

ऐसी स्त्रियॉ प्रत्येक पुरूष को सम्मान करती है, अपने से छोटों को प्यार देती है और परिवार को साथ लेकर चलने वाली वाली होती है। यह सौभाग्यशाली, अल्प सन्तान वाली, पति की सेवा करने वाली, दूसरों की मदद करने वाली व अपने गुणों से सबको प्रसन्न करने वाली होती है।

चित्रिणी महिलायें

चित्रिणी महिलायें

लक्षण-इनका मस्तक गोलाकार, अंग कोमल, ऑखें सुन्दर, आवाज मधुर, बाल घने व काले और सुगठित नाक होती है। ऐसी महिलाओं की संख्या बहुत कम होती है। अगर इनका जन्म गरीब परिवार में हुआ है फिर भी इनका अपने गुणों के कारण अच्छे परिवार में विवाह होता है, जिससे ये राजसुख का भोग करती है।
चित्रिणी स्त्रियॉ बहुत ही सौभाग्यशाली मानी जाती है। अपने पति की सेवा करने वाली, स्वजनों से प्रेम, हर कार्य को शीघ्र व अच्छे ढंग से करना, श्रंगार की शौकीन, संगीत कला में निपुण, अतिथियों की सेवा करने वाली व अपने कर्मो से सबकी चहेती बनने वाली स्त्रियों को चित्रिणी स्त्रियॉ कहते है।

हस्तिनी महिलायें

हस्तिनी महिलायें

लक्षण-इन महिलाओं के गाल, नाक, कान व मस्तक गौर वर्ण के होते है। इकनी ऑखें छोटी होती है, नाक नुकीली होती है, मस्तक उपर से ढलान लिए होता है, पैरों की अॅगुलियां इनकी टेढ़ी-मोढ़ी होती है और कद में छोटी होती है। ऐसे लक्ष्णों वाली स्त्रियों को हस्तिनी कहा जाता है। इन्हें गुस्सा बहुत आता है, इनके लड़कियों की अपेक्षा लड़के अधिक होते है, धार्मिक रूचि की इनमें कमी होती है, घूमना-फिरना व शॉपिंग करना, अच्छा भोजन करना काफी पसन्द होता है। इनके कई बार गर्भ खंडित होता है, इनके रूखें स्वभाव के कारण सबसे पटती नहीं है। इन्हें अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखने को मिलते है, जिनकी कभी उम्मीद नहीं होती है।

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English summary
Samudrik Shastra and Figure Analysis of Women, Its very Interesting.
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