भूलकर भी ना बनाएं 8, 13 और 18 कोनों वाला मकान
नई दिल्ली। व्यक्ति अपना घर बनाता है ताकि अपने परिवार के साथ उसमें खुशहाल जीवन बिता सके। लेकिन कई बार देखने में आता है कि व्यक्ति बड़ी उम्मीदों से जिस घर का निर्माण करता है, उसमें सुखी नहीं रहता। परिवार में कोई न कोई परेशानी बनी रहती है। परिवार में आर्थिक संकट आता है। परिवार में कोई सदस्य बीमार बना रहता है। परिवार के सदस्यों के बीच अनबन बनी रहती है। यदि आपके साथ भी ऐसा कुछ हो रहा है तो ध्यान से देखिए इसके लिए आपके घर का आकार जिम्मेदार हो सकता है।
शुभ माना गया है चार कोनों वाला मकान
वास्तुशास्त्र की तरह ही लाल किताब में भी भवन के निर्माण और उसकी दिशा, कोनों आदि के बारे में विस्तार से जानकारी मिलती है। लाल किताब के अनुसार भी चार कोनों वाला मकान शुभ माना गया है, लेकिन कई ऐसे प्रकार भी हैं जिनमें बने घर में यदि कोई व्यक्ति रहता है तो वह बर्बाद हो सकता है। जैसे 8, 3, 13 या 18 कोने वाले मकान को सबसे ज्यादा अशुभ माना गया है। साथ ही बीच के भाग उठा हुआ मकान भी अत्यंत ही दुखदायी कहा गया है।
8 कोनों वाले मकान में रहना हानिकारक
-लाल
किताब
के
अनुसार
8
कोनों
वाले
मकान
में
रहने
वाले
जातकों
पर
शनि
का
बुरा
प्रभाव
रहता
है।
ऐसे
भवन
में
रहने
वाले
लोग
हमेशा
परेशान
रहते
हैं
और
भयंकर
आर्थिक
और
मानसिक
कष्टों
से
गुजरते
हैं।
-3
या
13
कोनों
वाले
मकान
पर
मंगल
का
अशुभ
प्रभाव
देखने
में
आता
है।
ऐसे
मकान
में
रहने
वाले
लोग
आपस
में
लड़ते
झगड़ते
रहते
हैं
और
यह
विवाद
इतना
अधिक
बढ़
जाता
है
कि
लोग
एक-दूसरे
को
मारने
काटने
तक
पर
उतारू
हो
जाते
हैं।
ऐसे
घरों
में
आग
लगने,
चोरी
होने
का
भय
बना
रहता
है
और
ऐसे
घर
में
मौत
का
खतरा
मंडराता
रहता
है।
शुभ नहीं होता मध्य भाग में उभरा हुआ भवन
-18
कोनों
वाले
मकान
में
रहने
वालों
पर
बृहस्पति
का
बुरा
प्रभाव
पड़ता
है।
इस
कारण
धन
की
कमी
हमेशा
बनी
रहती
है।
ऐसे
घर
में
रहने
वाले
दंपती
को
संतान
सुख
नहीं
मिल
पाता
है।
-5
कोनों
वाले
मकान
को
भी
अशुभ
माना
गया
है।
ऐसे
मकान
में
रहने
वाले
लोग
सदा
कष्ट
पाते
हैं।
ऐसे
घर
में
रोगियों
की
संख्या
अधिक
होती
है।
खर्च
की
अधिकता
बनी
रहती
है।
ऐसे
भवन
में
रहने
वाले
परिवार
के
मुखिया
को
अपनी
ही
संतानों
का
दुख
देखना
पड़ता
है।
-मध्य
भाग
में
उभरा
हुआ
भवन
शुभ
नहीं
होता
है।
ऐसे
मकान
में
रहने
वालों
की
वंशवृद्धि
में
रूकावट
आती
है।
संतान
सुख
प्राप्त
नहीं
होता।