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Mauni Amavasya 2020: नवग्रहों की शांति के लिए करें कुछ खास उपाय

By Pt. Gajendra Sharma
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नई दिल्ली। मनुष्य अपने जीवन में सफल और सुखी होने के लिए अनेक उपाय, व्रत, पूजा, हवन, दान-धर्म आदि कर्म करता है। लेकिन इतना सब कुछ करते हुए भी कुछ लोग सफल नहीं हो पाते और कुछ अपने उद्देश्य की पूर्ति में सफल हो जाते हैं। यदि ज्योतिषीय दृष्टि से इस बात का आकलन किया जाए तो इसमें कहीं न कहीं ग्रहों का बुरा प्रभाव जिम्मेदार होता है। किसी जातक की जन्मकुंडली में यदि कोई ग्रह बुरा प्रभाव दे रहा है तो न केवल उस ग्रह से संबंधित कार्य अटक जाते हैं, बल्कि उस ग्रह की दृष्टि जिस घर पर होती है, कमजोर ग्रह जिस घर में, जिस राशि में होता है उन सबका प्रभाव जातक के जीवन के विभिन्न् हिस्सों पर पड़ता है। ... तो इस स्थिति में क्या किया जाए, ताकि कमजोर ग्रह को बलवान बनाया जा सके? इसके लिए हमारे ज्योतिषीय ग्रंथों में वर्ष के कुछ सिद्ध दिन बताए गए हैं, जिनमें यदि संबंधित ग्रह से जुड़े उपाय किए जाएं तो ग्रहों की पीड़ा शांत की जा सकती है।

मौनी अमावस्या 24 जनवरी को

मौनी अमावस्या 24 जनवरी को

माघ माह की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है। इस अमावस्या को ग्रहों की पीड़ा दूर करने वाली अमावस्या भी कहा जाता है। 24 जनवरी 2020 शुक्रवार को आ रही इस अमावस्या पर दान का बड़ा महत्व होता है। इस दिन प्रत्येक अशुभ और कमजोर ग्रह से संबंधित कुछ उपाय किए जाते हैं।

कुछ खास बातें


सूर्य : जन्मकुंडली में यदि सूर्य पीड़ा दे रहा है तो जातक को सरकारी क्षेत्र से अपयश, असफलता, शिक्षा में कमजोरी, मान-सम्मान में कमी, नेत्र रोग, पिता का असहयोग जैसी स्थितियों का सामना करना पड़ता है। मौनी अमावस्या पर सूर्य की पीड़ा शांत करने के लिए सूर्योदय के समय सूर्य को तांबे के कलश से जल का अर्घ्य दें। किसी गरीब व्यक्ति को सवा पांच किलो गेहूं लाल कपड़े में बांधकर दान दें। इस दिन लाल चंदन का तिलक करें।

चंद्र : चंद्र की पीड़ा होने पर जातक मानसिक रूप से परेशान रहता है। उसे कफ संबंधी रोग और मानसिक रोग बने रहते हैं। जातक को माता पक्ष से सहयोग नहीं मिलता। कार्य क्षेत्र में मन स्थिर नहीं रहने से जातक की सफलता में संदेह रहता है। चंद्र की पीड़ा से मुक्ति के लिए मौनी अमावस्या के दिन दूध और चावल से बनी खीर का वितरण प्रसाद के रूप में करें। किसी गरीब व्यक्ति को सवा पांच किलो चावल सफेद कपड़े में बांधकर दान दें। इस दिन सफेद चंदन का तिलक करें।

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अपनाएं ये उपाय

अपनाएं ये उपाय

मंगल : मंगल का अशुभ प्रभाव जातक को भयंकर कर्ज में डुबो सकता है। पारिवारिक स्थिति में अपनों से ही धोखा मिलता है। कमजोर मंगल व्यक्ति को रक्त संबंधी रोग देता है। कोर्ट-कचहरी, पुलिस के मामलों में जातक को बेवजह फंसाया जाता है। मंगल की पीड़ा को शांत करने के लिए सवा किलो मसूर की दाल तांबे के बर्तन में भरकर किसी गरीब को दान करें या हनुमान मंदिर में भेंट करें। इस दिन मसूर की दाल से बना कोई व्यंजन ना खाएं। पीपल के पेड़ के नीचे शाम के समय दीपक प्रज्जवलित करें।

बुध : बुध अशुभ होने पर जातक की बौद्धिक क्षमता पर प्रश्नचिन्ह लगता है। बौद्धिक कार्यों में जातक को सफलता नहीं मिलती। शिक्षा के क्षेत्र में लगातार असफलता मिलती है। बुध का संबंध बिजनेस से भी है। बुध खराब होने पर जातक बिजनेस में सफल नहीं हो पाता। मौनी अमावस्या के दिन गाय को हरा चारा खिलाएं। सवा किलो खड़े मूंग एक मिट्टी के कलश में भरकर दान करें। भगवान गणेश को 1008 दूर्वांकुर अर्पित करें। हरे रंग के वस्त्र कुंवारी कन्या को भेंट करें।

गुरु : बृहस्पति को नवग्रहों में प्रमुख ग्रहों का स्थान प्राप्त है। बृहस्पति कमजोर है तो जातक किसी भी क्षेत्र में सफल नहीं हो पाता। उसे आर्थिक संकट तो बने ही रहते हैं, पारिवारिक और वैवाहिक जीवन भी सुखद नहीं रह पाता। बृहस्पति की कृपा प्राप्त करने के लिए मौनी अमावस्या के दिन पके हुए पीले चावल बनाकर 21 बच्चों को खिलाएं। गाय को पके हुए पीले केले खिलाएं। इस दिन स्वर्ण के किसी आभूषण को पहले साफ पानी से अच्छे से धो लें, फिर इस आभूषण को अन्य स्वच्छ जल में डालें और उस जल से शिवजी का अभिषेक करें।

व्यक्ति की यौन इच्छाएं समाप्त हो जाती हैं...

व्यक्ति की यौन इच्छाएं समाप्त हो जाती हैं...

शुक्र : कमजोर शुक्र व्यक्ति को भौतिक सुख-सुविधाओं से दूर कर देता है। दांपत्य जीवन में परेशानी आती है। व्यक्ति की यौन इच्छाएं समाप्त हो जाती हैं। व्यक्ति को संतानोत्पत्ति में भी बाधा आती है। ऐसी स्थिति में मौनी अमावस्या के दिन दूध-चावल की खीर बनाएं लेकिन उसमें शकर की जगह मिश्री डालें और इस खीर का भोग मां लक्ष्मी को लगाने के बाद कन्याओं में वितरण करें। इस दिन एक मिट्टी के कलश में मिश्री भरकर योग्य ब्राह्मण को दान में दें।

शनि : शनि की पीड़ा जातक को कहीं का नहीं छोड़ती। शारीरिक, मानसिक रूप से जातक हैरान-परेशान हो जाता है। कार्यों में लगातार असफलता मिलती है। वाहन दुर्घटना, परिवार में कष्ट बना रहता है। बीमारियां जातक का पीछा नहीं छोड़ती और वह कर्ज में डूबा रहता है। शनि की पीड़ा से मुक्ति के लिए मौनी अमावस्या के दिन शनि स्तवराज से शनिदेव का तैलाभिषेक करें। काले तिल और काले उड़द का दान करें। हनुमान मंदिर में शाम के समय आटे से बने 11 दीपक लगाएं और दीपक में तिल का तेल भरें।

राहु : राहु की पीड़ा होने पर मौनी अमावस्या के दिन कुत्ते को घी-गुड़ की रोटी खिलाएं।

केतु : केतु की पीड़ा होने पर पंछियों को दाना डालें, मछलियों को आटे से बनी गोलियां खिलाएं।

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English summary
Mauni Amavasya 2020 is on January 24, its a unique Hindu tradition observed on the amavasya (no moon day) during the Hindu month of Magha.
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