Karwa Chauth 2020: इस बार का करवा चौथ है बेहद खास, जानिए पूजा के कुछ खास टिप्स
नई दिल्ली। इस बार करवा चतुर्थी विशेष शुभ योग-संयोग में आ रही है। करवा चतुर्थी पर बुधवार 4 नवंबर को सालों बाद 22 घंटे तक सुख, सौभाग्य देने वाला सर्वार्थसिद्धि योग रहेगा। इस दिन मृगशिरा नक्षत्र तथा मिथुन राशि के चंद्रमा की साक्षी का संयोग भी रहेगा। इस प्रकार के योग संयोग में भगवान गणेश, चौथ माता व चंद्रमा का पूजन अखंड सौभाग्य के साथ घर परिवार में सुख समृद्धि देने वाला होता है, क्योंकि साल की इस सबसे बड़ी चतुर्थी पर ऐसा संयोग सालों बाद बनता है।

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी इस बार सालों बाद बुधवार के दिन आ रही है। इस दिन पंचांग के पांच अंगों की स्थिति सर्वश्रेष्ठ रहेगी। ऐसा महासंयोग सालों बाद आता है, जब मृगशिरा नक्षत्र, शिवयोग, कौलव करण तथा मिथुन राशि का चंद्रमा विद्यमान हो। क्योंकि चतुर्थी तिथि के स्वामी भगवान गणेश हैं। मृगशिरा नक्षत्र के स्वामी चंद्रमा तथा मिथुन राशि के स्वामी बुध हैं। चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश, चंद्रमा व चतुर्थी माता के पूजन में चंद्रमा व बुध को साक्षी देव माना गया है। अर्थात पंचांग के पांच अंगों के स्वामी चतुर्थी पूजा के अधिष्ठाता देवों के स्वामी है। इसलिए निर्जल, निराहार रहकर इन देवताओं का पूजन करना मनोवांछित फल प्रदान करने वाला रहेगा।
अखंड सौभाग्य व सौंदर्य की प्राप्ति होगी
करवा चतुर्थी पर योग, नक्षत्र व पंचाग की स्थिति अखंड सौभाग्य व अनुपम सौंदर्य प्राप्त करने का संकेत दे रही है। इन विशिष्ट योगों की साक्षी में गणेश व चतुर्थी माता का पूजन सर्व सुख प्रदान करने वाला रहेगा। इस दिन अखंड सौभाग्य व उत्तम वर की प्राप्ति के लिए महिलाएं व युवतियां साधना कर सकती हैं। यह दिन अपने आकर्षण प्रभाव में वृद्धि करने वाला भी रहेगा। जिन विद्यार्थियों का शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन नहीं है, उन्हें भी इस दिन चंद्रमा की विशेष पूजा करना चाहिए।
करें ये खास प्रयोग
- इस चतुर्थी पर भगवान गणेश को 1008 दुर्वांकुर अर्पित करने से समस्त सुख और सिद्धियों की प्राप्ति होती है।
- इस दिन भगवान गणेश को बेसन के लड्डुओं का भोग लगाने से जीवन के समस्त भोग प्राप्त होते हैं।
- मानसिक स्थिति की मजबूती के लिए इस रात्रि में चंद्रमा को गंगाजल का अर्घ्य दें।
- इस रात्रि में भगवान शिव का अभिषेक गाय के दूध से करने से रोगों से मुक्ति मिलती है।
- सुख-सौभाग्य की प्राप्ति के लिए चतुर्थी की रात्रि में गणेश-लक्ष्मी और चंद्र यंत्र की स्थापना से धन की प्राप्ति होती है।
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