शनि प्रदोष में करें ऐसा, कभी किसी के सामने हाथ नहीं फैलाना पड़ेगा
नई दिल्ली। भगवान शिव की भक्ति पूजा जीवन से संकटों का नाश कर देती है। शिव की पूजा से आयु और आरोग्य की प्राप्ति होती है तथा अचानक आने वाले कष्ट और घटना-दुर्घटनाओं से रक्षा होती है। भगवान शिव सच्चे मन से किए गए संकल्प मात्र से प्रसन्न हो जाने वाले देव हैं। लेकिन यदि आप जीवन में कुछ विशेष पाना चाहते हैं, किसी बड़े संकल्प की पूर्ति करना चाहते हैं तो आपको भगवान शिव का प्रदोष व्रत अवश्य करना चाहिए। शिव की पूर्ण कृपा प्राप्त करने के लिए शास्त्रों में प्रदोष व्रत से बड़ा कोई अन्य व्रत नहीं बताया है। यह प्रदोष व्रत सोमवार और शनिवार को आना और भी अधिक शुभफलप्रद होता है।
किसे करना चाहिए शनिप्रदोष का व्रत
शनि प्रदोष व्रत माघ कृष्ण त्रयोदशी, 2 फरवरी को आ रहा है। प्रदोष के दिन शनिवार का संयोग इस दिन को बहुत खास बना रहा है। इस दिन प्रदोष व्रत करने से न केवल शिव की कृपा प्राप्त होगी, बल्कि शनिदेव को भी प्रसन्न किया जा सकता है। यदि किसी जातक पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है या कुंडली में शनि खराब स्थिति में होकर नेष्टकारक है तो उन्हें भी शनिप्रदोष का यह व्रत जरूर करना चाहिए। इस दिन मास शिवरात्रि भी है इसलिए इस दिन का महत्व और भी अधिक बढ़ गया है।
क्या करें शनि प्रदोष के दिन
शनि प्रदोष के दिन प्रातःकाल ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नानादि से निवृत होकर विधि विधान से भगवान शिव समेत उनके पूरे परिवार मां पार्वती, गणेश, कार्तिकेय और नंदी की पूजा करें। भगवान शिव को पंचामृत आदि से स्नान कराकर बेलपत्र, धतूरा, गंध, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, पान, सुपारी, लौंग आदि अर्पित करें। इसके पश्चात अपनी समस्त समस्याओं के निवारण के लिए प्रदोष व्रत का संकल्प लें और पूरे दिन निराहार रहते हुए संयम का पालन करते हुए व्रत करें। संध्याकाल में जब प्रदोषकाल हो तब भगवान शिव का अभिषेक करें और शनि चालीसा, शनिस्तवराज, शिव चालीसा, शिव महिम्नस्तोत्र का पाठ करें। प्रदोष व्रत की कथा सुनें या पढ़ें। प्रदोषकाल सूर्यास्त से लगभग 1 घंटा पूर्व का रहता है। यानी सायं 4.30 से 7 बजे के बीच प्रदोष व्रत की पूजा कर लेना चाहिए।
शनि प्रदोष व्रत के लाभ
-
शनि
प्रदोष
का
व्रत
रखने
से
शिव
और
शनि
दोनों
की
कृपा
प्राप्त
होती
है।
-
प्रदोष
व्रत
से
कुंडली
में
बुरा
प्रभाव
दे
रहा
चंद्र
ठीक
होता
है।
इससे
मानसिक
सुख-शांति
प्राप्त
होती
है।
-
शिव
की
पूजा
से
पारिवारिक
और
सामाजिक
जीवन
में
प्रतिष्ठा
में
वृद्धि
होती
है।
-
आयु
और
आरोग्य
प्राप्त
होती
है।
रोगों
से
मुक्ति
मिलती
है।
शारीरिक
बल
में
वृद्धि
होती
है।
-
पूरे
वर्ष
के
प्रदोष
व्रत
करने
से
आर्थिक
संकट
दूर
होते
हैं।
भौतिक
सुखों
की
प्राप्ति
होती
है।
-
शनि
प्रदोष
व्रत
से
जन्मकुंडली
में
बुरे
प्रभाव
दे
रहे
शनि
की
शांति
होती
है।
कभी नहीं आएगी आर्थिक परेशानी
-
शनि
की
साढ़ेसाती,
ढैया,
शनि
की
महादशा-अंतर्दशा
आदि
में
हो
रही
परेशानियां
दूर
होती
हैं।
-
वाहन
दुर्घटना,
बीमारी
आदि
में
जातक
की
रक्षा
होती
है।
-
शनि
प्रदोष
व्रत
करने
से
कभी
पैसों
के
लिए
किसी
के
सामने
हाथ
फैलाने
की
नौबत
नहीं
आती।
-
अविवाहित
युवक-युवतियों
के
विवाह
की
बाधा
दूर
होती
है।
-
दांपत्य
जीवन
में
आ
रही
परेशानियों,
मनमुटाव
से
मुक्ति
मिलती
है।