स्टडी रूम में किस दिशा में रखें टेबल-चेयर, ऐसा करने से आएगी सकारात्मक ऊर्जा
बोर्ड की परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं। जहां यूपी बोर्ड की परीक्षा शुरू हो चुकी हैं, वहीं सीबीएसई की बोर्ड परिक्षाएं मार्च से शुरू होने वाली हैं। ऐसे में जरूरी है कि पढ़ाई ठीक तरह से की जाए। शिक्षा का जीवन में बहुत अधिक महत्व है, क्योंकि अशिक्षित पुरूष जानवर के समान होता है।
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नई दिल्ली। बोर्ड की परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं। जहां यूपी बोर्ड की परीक्षा शुरू हो चुकी हैं, वहीं सीबीएसई की बोर्ड परिक्षाएं मार्च से शुरू होने वाली हैं। ऐसे में जरूरी है कि पढ़ाई ठीक तरह से की जाए। शिक्षा का जीवन में बहुत अधिक महत्व है, क्योंकि अशिक्षित पुरूष जानवर के समान होता है। शिक्षा व्यक्ति के सम्पूर्ण चरित्र का निर्माण करती है, इसलिए प्रत्येक अभिवावक अपने बच्चे की शिक्षा पर विशेष बल देता है। सारी सुविधायें होने के बावजूद भी यदि बच्चे का पढ़ाई में मन न लगे तो स्टडी रूम को वास्तु के अनुसार बनाने का प्रयास करना चाहिए। अतः अध्ययन कक्ष में इस प्रकार की व्यवस्था होनी चाहिए कि बच्चों का पढ़ाई के प्रति रूझान बढ़े एंव मन एकाग्र होकर अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित हो सके।
अधिक देर तक न पढ़ें विद्यार्थी
विद्यार्थियों को रात को आधिक देर तक नहीं पढ़ना चाहिए रात्रि को आधिक देर तक नहीं पढ़ना चाहिए क्योंकि इससे तनाव, चिड़चिड़ापन, क्रोध, दृषिट दोष, पेट रोग आदि समस्यायें होने की प्रबल आशंका रहती है। ब्रहममुहूर्त या प्रातःकाल में 4 घन्टे अध्ययन करना रात्रि के 10 घन्टे के बराबर होता है। क्योंकि प्रातःकाल में स्वच्छ एंव सकारात्मक ऊर्जा संचरण होती है जिससे मन व तन दोनों स्वस्थ्य रहते हैं।
हल्के रंगों का हो अध्ययन कक्ष
* घर में अध्ययन कक्ष ईशान कोण अथवा पूर्व या उत्तर दिशा में बनवाना चाहिए। अध्ययन कक्ष शौचालय के निकट कदापि न बनवायें।
* कक्ष में हल्के रंगों का प्रयोग अध्ययन कक्ष में हल्के रंगों का प्रयोग करें। जैसे- हल्का पीला, गुलाबी, आसमानी, हल्का हरा आदि।
* पढ़ने वाली टेबल को दीवार से सटा कर न रखें पढ़ने वाली टेबल को दीवार से सटा कर न रखें। पढ़ते वक्त रीढ़ को हमेशा सीधा रखें। लेटकर या झुककर नहीं पढ़ना चाहिए। पढ़ने की सामग्री आखों से लगभग एक फीट की दूरी पर रखनी चाहिए।
पढ़ते समय इस दिशा में रखें मुख
* अध्ययन कक्ष में पढ़ने की टेबल पूर्व या उत्तर दिशा में रखें तथा पढ़ते समय मुख उत्तर या पूर्व की दिशा में ही होना चाहिए। इन दिशाओं की ओर मुख करने से सकारात्मक उर्जा मिलती है जिससे स्मरण शकित बढ़ती है एंव बुद्धि का विकास होता है। टेबल दक्षिण आग्नेय व नैऋत्य या उत्तर-वायव्य कोण में कदापि नहीं होना चाहिए।
* अध्ययन कक्ष में खिड़की या रोशनदान पूर्व-उत्तर या पश्चिम में होना श्रेष्ठ या दक्षिण में संभवतया नहीं रखें।
* अध्ययन कक्ष में किताबों की अलमारी को पूर्व या उत्तर दिशा में बनायें तथा उसकी सप्ताह में एक बार साफ-सफाई अवश्य करनी चाहिए। अलमारी में गणेश जी की फोटो लगाकर नित्य पूजा करनी चाहिए।
परीक्षा के अनुसार हो अध्ययन कक्ष
* बीएड, प्रशासनिक सेवा, रेलवे, आदि की तैयारी करने वाले छात्रो का अध्ययन कक्ष पूर्व दिशा में होना चाहिए। क्योंकि सूर्य सरकार एंव उच्च पद का कारक तथा पूर्व दिशा का स्वामी है।
* बीटेक, डाक्टरी, पत्रकारिता, लॉ, एमसीए, बीसीए आदि की शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्रो का अध्ययन कक्ष दक्षिण दिशा में होना चाहिए तथा पढ़ने वाली मेज आग्नेय कोण में रखनी चाहिए। क्योंकि मंगल अगिन कारक ग्रह है एंव दक्षिण दिशा का स्वामी है।
* एमबीए, एकाउन्ट, संगीत, गायन, और बैंक की आदि की तैयारी करने वाले छात्रों का अध्ययन कक्ष उत्तर दिशा में होना चाहिए क्योंकि बुध वाणी एंव गणित का संकेतक है एंव उत्तर दिशा का प्रतिनिधित्व करता है।
* रिसर्च तथा गंभीर विषयों का अध्ययन करने वाले छात्रों का अध्ययन कक्ष पशिचम दिशा में होना चाहिए क्योंकि शनि एक खोजी एंव गंभीर ग्रह है तथा पशिचम दिशा का स्वामी है।
अध्ययन कक्ष में क्या होना चाहिए और क्या नहीं
अध्ययन कक्ष में क्या होना चाहिए और क्या नहीं-
1- अध्ययन कक्ष में शौचालय कदापि नहीं बनाएं।
2- अध्ययन कक्ष की रंग संयोजना सफेद, बादामी, फीका आसमानी या हल्का फिरोजी रंग दीवारों पर और टेबल-फर्नीचर पर श्रेष्ठ है। खास कर अध्ययन कक्ष में काला, लाल, गहरा नीला रंग नहीं होना चाहिए।
3- अध्ययन कक्ष का प्रवेश द्वार पूर्व-उत्तर मध्य या पश्चिम में रहना चाहिए। दक्षिण आग्नेय व नैऋत्य या उत्तर-वायव्य में नहीं होना चाहिए।
मंदिर, घड़ी उत्तर या पूर्व दिशा में रखें
4- अध्ययन कक्ष में अभ्यास पुस्तकें रखने की रेक एवं टेबल उत्तर दिशा की दीवार से लगी होना चाहिए।
5- अध्ययन कक्ष में पेयजल, मंदिर, घड़ी उत्तर या पूर्व दिशा में रखना चाहिए।
6- अध्ययन कक्ष में टीवी, मैगजीन, अश्लील साहित्य व सीडी प्लेयर एवं वीडियो गेम, रद्दी अखबार, अनुपयोगी सामान एवं भारी वस्तुएं न रखें।
7- अध्ययन कक्ष में आदर्शवादी चित्र, सरस्वती माता एवं गुरुजनों के चित्र लगाना चाहिए।
अध्ययन कक्ष में शयन नहीं करें
8- युद्ध, लड़ाई-झगड़े, हिंसक पशु-पक्षियों के चित्र व मूर्तियां नहीं रखना चाहिए।
9- अध्ययन कक्ष में शयन नहीं करें।
10- अध्ययन कक्ष को अन्य कक्षों के जमीनी तल से ऊंचा या नीचा नहीं रखें। तल का ढाल पूर्व या उत्तर की ओर रखा जाए।
11- अध्ययन कक्ष में केवल ध्यान, अध्यात्म वाचन, चर्चा एवं अध्ययन ही करना चाहिए। गपशप, भोग-विलास की चर्चा एवं अश्लील हरकतें नहीं करना चाहिए।
12- अध्ययन कक्ष में जूते-चप्पल, मोजे पहनकर प्रवेश नहीं करना चाहिए।