Meethi Kranti Yojana : शहद के काम से कमाएं मुनाफा, 80 परसेंट अनुदान दे रही सरकार
झारखंड सरकार मीठी क्रांति स्कीम के तहत मधुमक्खी पालन से जुड़े लोगों को 80 हजार रुपये अनुदान दे रही है। इस स्कीम का लाभ लेकर किसानों को सालाना लाखों रुपये की आमदनी हो सकती है। जानिए कैसे मिलेगा योजना का लाभ
रांची, 12 जून : मधुमक्खी पालन से जुड़े लोग अब लाखों रुपये कमाने का ख्वाब देख सकते हैं। दरअसल, झारखंड सरकार स्वीट रिवॉल्यूशन यानी मीठी क्रांति के नाम की स्कीम चला रही है। इस योजना के तहत किसानों को 80 हजार रुपये की अनुदान मिलेगा। मधुमक्खी पालन करने वाले लोग इस स्कीम की मदद से एक साल में कम से कम एक लाख रुपये कमा सकते हैं। 12 हजार किसानों को इस स्कीम से जोड़ने की योजना है। जानिए, कैसे इस योजना का फायदा उठाकर मधुमक्खी पालन में मिल सकती है सक्सेस
झारखंड सरकार की स्कीम- मीठी क्रांति
झारखंड सरकार मधुमक्खी पालन के लिए अनुदान दे रही है। 80 हजार तक अनुदान के लिए झारखंड सरकार मीठी क्रांति योजना (sweet revolution)चला रही है। इस स्कीम के तहत मधुमक्खी पालक सालाना एक लाख रुपये तक कमा सकते हैं। योजना के लाभ गिनाते हुए झारखंड सरकार का कहना है कि स्वीट रिवॉल्यूशन स्कीन से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। मधुमक्खी पालकों की आय बढ़ेगी और आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
कौन ले सकता है अनुदान
मीठी क्रांति स्कीम के तहत कौन ले सकता है अनुदान ? इस पर राज्य की हेमंत सोरोन सरकार का कहना है कि आवेदक झारखंड का स्थायी निवासी होना चाहिए। ऐसे किसान या अन्य लोग जिनके पास आय का दूसरा साधन नहीं है, वे भी इस स्कीम का लाभ उठा सकते हैं। किसानों का चुनाव मुख्यमंत्री लघु एवं सूक्ष्म उद्योग बोर्ड द्वारा किया जाएगा।
अनुदान के लिए कौन से डॉक्यूमेंट चाहिए
झारखंड मीठी क्रांति योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक को झारखंड का निवास प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, बैंक अकाउंट नंबर और आईएफएससी कोड के अलावा कोई एक अतिरिक्त पहचान पत्र भी जमा करना होगा। आवेदन की समीक्षा के बाद सरकार अनुदान के बारे में अंतिम फैसला करेगी।
कहां जमा होगा आवेदन
झारखंड की स्वीट रिवॉल्यूशन स्कीम का लाभ लेने के लिए मधुमक्खी पालन से जुड़े लोग या मधुमक्खी पालन प्रोफेशनल मधुमक्खी पालन विभाग या मुख्यमंत्री लघु एवं सूक्ष्म उद्योग बोर्ड के कार्यालय में आवेदन जमा कर सकते हैं।
शहद का करोड़ों का कारोबार, केंद्र सरकार भी सक्रिय
झारखंड सरकार का कहना है कि मीठी क्रांति स्कीम से प्रदेश के 12 हजार से अधिक किसानों को जोड़ा जाएगा। राज्य में न्यूक्लियस स्टॉक और ब्रिडर्स जैसे केंद्रों की स्थापना की जाएगी। बता दें कि भारत के शहद का निर्यात 100 से अधिक देशों में होता है। ऐसे में मधुमक्खी पालन के क्षेत्र में अवसरों को भांपते हुए केंद्र सरकार भी लगातार मधुमक्खीपालकों और छोटे किसानों को सशक्त बनाने की पहल क रही है। हाल ही में विश्व मधुमक्खी दिवस 2022 के मौके पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने 5 राज्यों में नए लैब और प्रोसेसिंग यूनिट की शुरुआत की थी।