Sugar Export Regulation : भारत से चीनी निर्यात पर लगाम, मोदी सरकार के फैसले से दुनिया पर कितना प्रभाव ?
भारत चीनी निर्यात रेगुलेट करने वाला है। घरेलू बाजार की डिमांड पूरी हो इस मकसद से एक जून से केवल 100 मीट्रिक टन शुगर एक्सपोर्ट को ही परमिशन दी जाएगी। जानिए चीनी उत्पादन और निर्यात के मामले में दुनियाभर में भारत का प्रभाव
नई दिल्ली, 26 मई : शुगर एक्सपोर्ट रेगुलेशन के तहत एक जून से 100 मीट्रिक टन चीन से अधिक एक्सपोर्ट नहीं किया जा सकेगा। चीनी निर्यात के संबंध में भारत का फैसला गेहूं एक्सपोर्ट बैन के मद्देनजर एक बार फिर सुर्खियों में है। चीनी निर्यात के फैसले को लेकर सरकार ने कहा है कि घरेलू मार्केट में डिमांड के हिसाब से सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए चीनी का निर्यात रेगुलेट किया जा रहा है। सरकार ने कहा है कि घरेलू बाजार में चीनी की उपलब्धता और चीनी की कीमतों में स्थिरता केंद्र की प्राथमिकता है। बता दें कि भारत में पिछले 12 महीनों से चीनी की कीमतें कंट्रोल में हैं। चीनी की थोक कीमतें 3,150 से 3,500 रुपये प्रति क्विंटल के बीच, जबकि खुदरा कीमतें 36-44 रुपये प्रति किलो के दायरे में हैं।
त्योहारों
के
समय
चीनी
की
डिमांड
खाद्य
एवं
सार्वजनिक
वितरण
विभाग
के
सचिव
सुधांशु
पांडे
ने
आश्वस्त
किया
है
कि
सरकार
अक्टूबर-नवंबर
के
त्योहारी
सीजन
के
दौरान
चीनी
की
पर्याप्त
उपलब्धता
सुनिश्चित
करेगी।
बता
दें
कि
अक्टूबर-नवंबर
के
महीने
में
दशहरा-दिवाली-छठ
पूजा
व
अन्य
त्योहारों
के
कारण
बाजार
में
चीनी
की
डिमांड
बढ़
जाती
है।
गौरतलब
है
कि,
ब्राजील
सबसे
बड़ा
चीनी
उत्पादक
है।
यहां,
चीनी
उत्पादन
में
कमी
के
चलते
वैश्विक
स्तर
पर
चीनी
की
कमी
की
आशंका
है।
ऐसे
में
सरकार
सतर्क
है।
वनइंडिया
हिंदी
की
इस
रिपोर्ट
में
पढ़ें
शुगर
उत्पादन
और
एक्सपोर्ट
में
भारत
की
भूमिका...
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2020 में सबसे अधिक चीनी निर्यात
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक भारत दुनिया में सर्वाधिक चीनी उत्पादन करने वाले देशों में टॉप फाइव देशों में शामिल होता है। ब्राजील में 2019 में 343 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। भारत ने इसी साल 277.3 लाख मीट्रिक टन चीनी का उत्पादन हुआ। निर्यात के मामले में भारत 2020 में शीर्ष पर रहा था। 2020 में भारत ने 310 लाख मीट्रिक टन चीनी का उत्पादन किया, जबकि 70 एलएमटी चीनी निर्यात की गई।
121 देशों में जाती है भारत की चीनी, एक्सपोर्ट 291 प्रतिशत बढ़ा
वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान भारत ने रिकॉर्ड चीनी एक्सपोर्ट किया। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने गत 18 अप्रैल को ट्वीट कर लिखा था कि भारत की चीनी, दुनियाभर में मिठास घोल रही है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2013-14 की तुलना में भारत का शुगर एक्सपोर्ट 291 प्रतिशत बढ़ा। पहली बार 10 मिलियन टन से अधिक चीनी निर्यात की गई। वाणिज्यिक जानकारी एवं सांख्यिकी महानिदेशालय (DGCI&S) के मुताबिक, भारत 121 देशों को चीनी निर्यात करता है।
लगाार बढ़ रहा चीनी उत्पादन, 80 फीसद तीन राज्यों में
दक्षिण अमेरिकी देश ब्राजील के बाद भारत दुनिया में सबसे अधिक चीनी उत्पादन करता है। वित्त वर्ष 2010-11 के बाद से, भारत में सरप्लस चीनी उत्पादन हो रहा है। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक लगभग 80 प्रतिशत चीनी उत्पादन करते हैं। देश में कुल चीनी उत्पादन में प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्यों- आंध्र प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, बिहार, हरियाणा तथा पंजाब की भी अहम भूमिका है।
वित्त वर्ष | कुल चीनी उत्पादन (मिलियन डॉलर में) |
2019-20 | 1965 |
2020-21 | 2791 |
2021-22 | 4600 |
गन्ने की खेती और रिकॉर्ड चीनी निर्यात
गौरतलब है कि देशभर में बड़ी मात्रा में गन्ना उत्पादन होता है। इसी कारण चीनी का उत्पादन और निर्यात भी बढ़ रहा है। वित्त वर्ष 2021-22 में अप्रैल-फरवरी के दौरान भारत ने इंडोनेशिया को सबसे अधिक- 769 मिलियन डॉलर के बराबर चीनी निर्यात की। दूसरे ग्राहकों में बांग्लादेश और सूडान जैसे देश शामिल रहे। अन्य ग्राहक देशों पर एक नजर-
ग्राहक देश का नाम | चीनी निर्यात की मात्रा |
इंडोनेशिया | 769 मिलियन डॉलर |
बांग्लादेश | 561 मिलियन डॉलर |
सूडान | 530 मिलियन डॉल |
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) | 270 मिलियन डॉलर |
भारत से चीनी इंपोर्ट करने वाले 121 देशों में सोमालिया, सऊदी अरब, मलेशिया, श्रीलंका, अफगानिस्तान, इराक, पाकिस्तान, नेपाल, चीन भी शामिल हैं। इनके अलावा, अमेरिका, सिंगापुर, ओमान, कतर, तुर्की, ईरान, सीरिया, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, जर्मनी, फ्रांस, न्यूजीलैंड, डेनमार्क, इजरायल, रूस, मिस्र में भी भारतीय चीनी एक्सपोर्ट की गई है।
मध्य प्रदेश में सबसे अधिक चीनी की खपत !
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि गत 10 साल में भारत में चीनी की खपत 18 फीसद बढ़ी है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2020-21 में नेशनल शुगर कंजप्शन 265.6 लाख टन से अधिक हुआ है। 10 साल पहले यानी 2011-12 में देशभर में चीनी की खपत 226 लाख टन थी। राज्यों में सबसे अधिक चीनी की खपत मध्य प्रदेश में होती है। मध्य प्रदेश के शहरी इलाकों में 2015-16 में प्रति व्यक्ति 25 ग्राम से अधिक चीनी प्रतिदिन खपत हुई। दूसरे राज्यों पर एक नजर
राज्यों के नाम | प्रति व्यक्ति चीनी की खपत (ग्राम) |
मध्य प्रदेश | 25.8 |
महाराष्ट्र | 23.7 |
गुजरात | 22.2 |
नई दिल्ली | 21.4 |
राजस्थान | 21.3 |
यूपी में सबसे अधिक चीनी का उत्पादन
दुनिया में भारत चीनी की खपत सबसे अधिक करता है। वित्त वर्ष 2020-21 में चीन की खपत के मामले में यूरोपियन यूनियन (EU) के 28 देशों को मिलाने के बाद भी भारत सबसे आगे रहा। ईयू में 166 लाख टन चीनी की खपत हुई, जबकि भारत में 280 लाख टन की खपत हुई। अन्य देशों में चीनी की खपत पर एक नजर-
देशों के नाम | चीनी की खपत (लाख टन) |
भारत | 280 |
चीन | 155 |
यूरोपीय यूनियन (EU) | 166 |
अमेरिका | 110 |
ब्राजील | 102 |
यूपी
में
सबसे
अधिक
चीनी
उत्पादन
संयुक्त
राष्ट्र
की
FAO,
स्टटिस्टा
(Statista)
नेशनल
इंस्टीट्यूट
ऑफ
न्यूट्रिशन
और
इंडियन
शुगर
मिल्स
एसोसिएशन
(ISMA)
से
मिले
इनपुट
पर
आधारित
टाइम्स
ऑफ
इंडिया
की
रिपोर्ट
के
मुताबिक
चीनी
उत्पादन
के
मामले
में
भारत
का
यूपी
110.6
लाख
टन
के
साथ
टॉप
पर
रहा,
जबकि
106.5
लाख
टन
के
साथ
महाराष्ट्र
दूसरे
नंबर
पर
रहा।
दूसरे
राज्यों
में
चीनी
उत्पादन
की
मात्रा
पर
एक
नजर-
राज्यों के नाम | चीनी उत्पादन (लाख टन) |
उत्तर प्रदेश | 110.6 |
महाराष्ट्र | 106.5 |
कर्नाटक | 44.7 |
गुजरात | 10.5 |
तमिलनाडु और पुडुचेरी | 8.8 |
खेती आधारित उत्पाद है चीनी, उपलब्धता सीमित
चीनी निर्यात पर रेगुलेशन को लेकर टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकारियों को इस बात की आशंका थी कि चीनी एक्सपोर्ट 120 लाख टन तक पहुंच सकता है। पिछले छह साल में चीनी निर्यात में उछाल के हवाले से खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने बताया कि चीनी खेती आधारित उत्पाद है और इस कारण इसकी उपलब्धता सीमित है। उन्होंने बताया कि शुगर सीजन 2021-22 में 100 लाख टन चीनी एक्सपोर्ट का लक्ष्य है। 2016-17 में 50 हजार टन चीनी का निर्यात हुआ था।
जमाखोरी और कीमतों में उछाल रोकने का प्रयास
शुगर एक्सपोर्ट रेगुलेशन का ऐलान करने के बाद केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने दो टूक कहा है कि गेहूं के निर्यात पर बैन हटाने की सरकार की कोई योजना नहीं है। उन्होंने स्विटजरलैंड के दावोस में आयोजित वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की बैठक में कहा कि गेहूं और चीनी निर्यात पर भारत सरकार का फैसला जमाखोरी रोकने और कीमतों में उछाल पर नियंत्रण के मकसद से लिया गया है।