उत्तराखंड चुनाव: हरक सिंह को BJP से निकाले जाने पर सीएम पुष्कर सिंह धामी का बड़ा खुलासा
देहरादून, 18 जनवरी। हरक सिंह रावत को लेकर उत्तराखंड की राजनीति में मचे सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहली बार बड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, उत्तराखंड के आगामी विधानसभा चुनाव में 'हरक सिंह रावत अपने परिवार के सदस्यों लिए टिकट पाने के लिए पार्टी पर दबाव बना रहे थे इसलिए उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया।' धामी ने साफ तौर पर भाजपा को 'वंशवाद' की विचारधारा के खिलाफ पार्टी बताया और यह भी कहा कि हरक सिंह को 6 साल के लिए निष्कासित करने के पीछे उनका पिछला रिकॉर्ड भी इस तरह का रहा कि पार्टी को उनके खिलाफ निर्णय लेना ही पड़ा।
हरक सिंह को भाजपा से निकाले जाने के फैसले को पार्टी अपने टिकट सिद्धांत के रूप में प्रचारित कर रही है। एक खबर के मुताबिक धामी ने साफ शब्दों में कहा, 'हम फैसला कर चुके हैं कि एक परिवार से एक से ज़्यादा व्यक्ति को टिकट नहीं दिया जाएगा। इधर, हरक सिंह रावत ने उल्टे भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि इतने बड़े फैसले से पहले उनके साथ पार्टी ने एक बार भी बातचीत नहीं की। हरक ने अपने तीखे तेवरों में कहा कि भाजपा को यह डर लग चुका है कि इस बार कांग्रेस की ही जीत होने वाली है।
किस
मांग
पर
कटा
हरक
का
टिकट?
भाजपा
के
कई
नेताओं
का
कहना
है
कि
पार्टी
के
भीतर
यह
स्पष्ट
है
कि
'पार्टी
पहले
है
व्यक्ति
बाद
में।'
सूत्रों
के
हवाले
से
खबरों
में
कहा
जा
रहा
है
कि
हरक
सिंह
कम
से
कम
'तीन'
टिकट
चाह
रहे
थे।
वरिष्ठ
नेताओं
ने
इस
मामले
में
पार्टी
की
नीति
बताते
हुए
गोवा
में
भी
मनोहर
पर्रिकर
के
बेटे
उत्पल
पर्रिकर
के
इसी
तरह
के
टिकट
विवाद
को
याद
किया
जब
उत्पल
ने
अपने
पिता
की
पणजी
विधानसभा
से
टिकट
चाहा
था।
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क्या
टिकट
की
मांग
बनी
गले
की
फांस?
मुख्यमंत्री
धामी
ने
भाजपा
को
वंशवाद
के
बजाय
विकास
और
राष्ट्रवाद
पर
फोकस
करने
वाली
पार्टी
बताते
हुए
कहा,
'हरक
सिंह
पहले
भी
पार्टी
के
लिए
दिक्कतें
पैदा
करते
रहे,
इसके
बावजूद
पार्टी
उन्हें
झेलने
की
कोशिश
कर
रही
थी,
लेकिन
जब
उन्होंने
परिजनों
के
टिकट
के
लिए
दबाव
बढ़ाना
शुरू
कर
दिया,
तब
पार्टी
को
कड़ा
फैसला
करना
ही
पड़ा।'
धामी
के
इस
बयान
के
बाद
साफ
है
कि
हरक
सिंह
के
पिछले
रिकॉर्ड
को
भी
पार्टी
ने
निष्कासन
का
एक
आधार
बनाया।
हरीश
रावत
ने
रख
दी
फिर
एक
शर्त!
कांग्रेस
के
कैंपेन
कमेटी
प्रमुख
और
पूर्व
मुख्यमंत्री
हरीश
रावत
ने
सोमवार
को
हरक
सिंह
रावत
का
पार्टी
में
वापसी
का
स्वागत
तो
किया,
लेकिन
एक
शर्त
भी
रख
दी।
हरीश
रावत
ने
कहा,
'मैं
इस
मामले
में
ज़्यादा
नहीं
कहूंगा
लेकिन
हरक
सिंह
का
पार्टी
में
स्वागत
है
अगर
वह
पार्टी
छोड़ने
के
अपने
पिछले
फैसले
पर
अफ़सोस
जताते
हैं।'
याद
दिला
दें
कि
पिछले
साल
जब
हरक
की
कांग्रेस
वापसी
की
चर्चाएं
थीं,
तब
भी
एक
बयान
में
हरक
ने
हरीश
रावत
से
माफ़ी
मांगी
थी।