गुरुग्राम में बनेगा पहला हेली हब, पार्किंग भी होगी, हरियाणा सरकार को केंद्र सरकार ने दी मंजूरी
गुरुग्राम. दिल्ली से सटे हरियाणा के गुरुग्राम में हेली हब बनाने की तैयारी है। यहां से हेलीकाप्टर न सिर्फ उड़ान भर सकेंगे बल्कि इसमें हेलीकाप्टर पार्किंग से लेकर मरम्मत व ईंधन भरवाने की सुविधा भी होगी। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रलय ने इसकी मंजूरी दे दी है। इस हेली हब से गुरुग्राम शहर और शहर के बाहर दूसरे राज्यों के लिए भी हेलीकाप्टर अपनी क्षमता के अनुसार उड़ान भर सकेंगे। देशभर में पांच हेली हब बनाए जाने हैं। इनमें मुंबई के जुहू पर 20 से 25 हेलीकाप्टर एक साथ संचालित करने की क्षमता वाला हेली हब बनेगा तो गुरुग्राम में इसकी क्षमता 30 से 35 होगी।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस बाबत विस्तृत जानकारी देते हुए बताया नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से उनकी मुलाकात के दौरान मंत्रालय की तरफ से हेली हब के लिए जमीन देने का प्रस्ताव दिया गया। सीएम के अनुसार, राज्य सरकार गुरुग्राम की प्रस्तावित ग्लोबल सिटी में हेली हब बनाने के लिए जगह उपलब्ध कराएगी।
हेलीकाप्टर
पार्किंग
की
समस्या
से
मिलेगा
छूटकारा
गुरुग्राम
के
इस
हेली
हब
का
सबसे
ज्यादा
फायदा
उन
विमानन
कंपनियों
सहित
निजी
हेलीकाप्टर
संचालन
करने
वाले
लोगों
को
होगा,
जो
पाकिर्ंग
उपलब्ध
नहीं
होने
से
नई
दिल्ली
के
इंदिरा
गांधी
अंतरराष्ट्रीय
हवाईअड्डे
पर
अपना
हेलीकाप्टर
खड़ा
नहीं
कर
पाते
थे।
कई
बार
दिल्ली
एयरपोर्ट
पर
हवाई
जहाज
की
ज्यादा
संख्या
के
चलते
हेलीकाप्टर
को
लैंडिंग
के
लिए
अनुमति
नहीं
मिलती
है
तो
उन्हें
जयपुर
हवाईअड्डे
पर
उतारा
जाता
है।
दिल्ली
के
नजदीक
गुरुग्राम
हेली
हब
बनने
से
अब
इस
समस्या
का
समाधान
हो
जाएगा।
ये
सुविधाएं
मिलेंगी
हेली
हब
पर
हेलीकाप्टर
के
उड़ान
भरने
से
लेकर
लैंडिंग,
पाकिर्ंग,
मरम्मत,
ईंधन
भरने
की
सुविधा
मिलेगी।
निजी
विमानन
कंपनियां
यहां
से
आम
यात्रियों
के
लिए
हेलीकाप्टर
सेवा
भी
शुरू
करना
चाहेंगी
तो
इसकी
अनुमति
भी
दी
जाएगी।
यहां
से
उड़ान
भरने
पर
हेलीकाप्टर
के
ईंधन
पर
लगने
वाले
21
फीसद
वैट
के
बजाय
हरियाणा
सरकार
एक
फीसद
वैट
वसूलेगी।
इससे
राज्य
के
हवाईअड्डे,
हवाईपट्टी
सहित
हेली
हब
से
उड़ान
भरने
वाली
कंपनियों
में
आकर्षण
पैदा
होगा।
नारनौल
में
खुले
एविएशन
यूनिवर्सिटी
हरियाणा
में
पिंजौर,
करनाल,
भिवानी
और
नारनौल
में
हवाईपट्टी
हैं
व
हिसार
में
हवाईअड्डा
है।
राज्य
सरकार
ने
भिवानी
व
नारनौल
में
पायलट
ट्रेनिंग
इंस्टीट्यूट
के
लिए
भी
नागरिक
उड्डयन
मंत्रलय
को
अपना
प्रस्ताव
दिया
है।
सरकार
चाहती
है
कि
नारनौल
हवाईपट्टी
के
साथ
ही
एक
विश्वविद्यालय
का
निर्माण
कराया
जाए।