पंजाब: मुख्तार अंसारी को VIP ट्रीटमेंट देने के मामले में एक्शन में मान सरकार , ADGP स्तर अफसर को सौंपी जांच
चंडीगढ़: उत्तर प्रदेश के बाहुबली मुख्तार अंसारी की रोपड़ जेल में दो साल तीन महीने तक तीमारदारी करने वाले पिछली कांग्रेस सरकार के नेता और जेल विभाग के अफसरों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। भगवंत मान सरकार ने अंसारी की खास सुविधाएं देने के मामले की जांच एडीजीपी स्तर के अधिकारी को सौंप दी है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान, जेल मंत्री हरजोत सिंह बैंस और जेल विभाग के आला अफसरों की बैठक के दौरान इस मामले पर चर्चा हुई। इसके बाद एडीजीपी स्तर के एक अधिकारी को जांच का जिम्मा सौंपा गया है। पता लगाया जाएगा कि मुख्तार अंसारी को जेल मैन्युअल के अतिरिक्त किस तरह की सुविधाएं मुहैया कराई गईं और यह सुविधाएं देने में कौन-कौन नेता और जेल विभाग के अफसर शामिल रहे हैं।
सरकार ने जांच अधिकारी को इन सभी पहलुओं पर विस्तृत जांच रिपोर्ट तैयार करने को कहा है, जिसके आधार पर दोषी अफसरों और नेताओं पर कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार के समय मुख्तार अंसारी को रोपड़ जेल में दो साल तीन महीने तक ऐसी बैरक में रखा गया, जहां 25 कैदी रह सकते थे। उस बैरक में मुख्तार अंसारी को वीआईपी सुविधाएं दी गईं और उसकी पत्नी भी साथ रही। इस मामले ने पंजाब में उस समय तूल पकड़ा जब कैप्टन सरकार में अंसारी की सुप्रीम कोर्ट में पैरवी की खातिर नियुक्त वकील की 55 लाख रुपये फीस अदा करने की जिम्मेदारी आप सरकार पर आ गई।
आप सरकार ने साफ कर दिया कि वह किसी अपराधी के लिए जनता का पैसा बर्बाद नहीं करेगी। इसके साथ ही राज्य सरकार ने मामले की जांच कराने का एलान भी कर दिया था। शुक्रवार को जेल मंत्री हरजोत बैंस ने कहा कि मुख्तार अंसारी का मामला बहुत गंभीर है और सभी पहलुओं की जांच जरूरी है। उन्होंने कहा कि जांच अधिकारी से कहा गया है कि अफसरों और नेताओं की क्या-क्या भूमिका रही, उसे जांच रिपोर्ट में साफ तौर पर लिखा जाए।
हरजोत बैंस ने विधानसभा में उठाया था मुद्दा
पंजाब विधानसभा के बजट सत्र के दौरान जेल मंत्री बैंस ने सदन में गैंगस्टर अंसारी को वीवीआईपी ट्रीटमेंट देने का मुद्दा उठाया था, जिसे लेकर सदन में कांग्रेस के सदस्यों ने काफी हंगामा भी किया था। पूर्व जेल मंत्री सुखजिंदर रंधावा ने इस आरोप पर बैंस को सदन में चुनौती दी थी कि अंसारी की पत्नी जेल में रहती थी, मंत्री इसे साबित करके दिखाएं। तब मंत्री बैंस ने जांच के बाद सच बाहर आने का दावा किया था।
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बैंस ने सदन में खुलासा किया था कि अंसारी को फर्जी एफआईआर दर्ज करके दो साल तीन महीने तक पंजाब की जेल में रखा गया जबकि उसे प्रोडक्शन वारंट पर लेने के लिए यूपी सरकार ने 26 बार कोशिश की लेकिन उसे सफलता नहीं मिली। इस तरह पंजाब की कांग्रेस सरकार ने अंसारी को यूपी पुलिस और सरकार से बचाए रखा। गौरतलब है कि मुख्तार अंसारी पर पंजाब में मोहाली के बिल्डर से 10 करोड़ की रंगदारी मांगने का आरोप था। उसे पंजाब पुलिस प्रोडक्शन वारंट पर मोहाली लेकर आई थी। 24 जनवरी 2019 को कोर्ट में पेश कर उसे रोपड़ जेल में भेज दिया गया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पिछले साल अप्रैल में उसे पंजाब से उत्तर प्रदेश पुलिस ले गई थी।