बासमती चावलों को लेकर पंजाब सरकार का अहम फैसला, जारी किए गए ये निर्देश
पटियाला। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने बासमती चावल की बरामद में रुकावट डालने वाले कुछ कीटनाशकों की बिक्री, भंडारण, वितरण और प्रयोग पर पाबंदी लगाने के निर्देश जारी किए हैं। इस संबंध में मुख्य कृषि अधिकारी हरिंदर सिंह ने जानकारी दी।
हरिंदर सिंह ने कहा कि ऐसीफेट, बुप्रोफेजिन, क्लोरपाइरीफोस, मेथैमिडोफॉस, प्रोपीकोनाजोल थ्यामेथोकसस, आइसोप्रोथिओ लेन, कारबैंडाजिम ट्राईसाइक्लाजोल जैसे कीटनाशकों की बिक्री, भंडारण, वितरण और चावल खासकर बासमती चावल की बरामद और खपत में काफी संभावी रुकावद बन रहे थे। उन्होंने कहा कि उपरोक्त कीटनाशकों पर पंजाब में 60 दिनों की मियाद के लिए पाबंदी लगाई गई है ताकि बिना किसी अवशेष के अच्छी गुणवत्ता वाले बासमती चावल पैदा किया जा सके।
सिंह ने कहा कि, इस संबंध में ब्लाक कृषि अफसरों को भी निर्देश जारी कर दिया गया है और कीटनाशक विक्रेताओं को भी दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। मुख्य कृषि अफसर ने आगे बताया कि पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) लुधियाना ने बासमती चावल के कीड़ों को कंट्रोल करने के लिए खेती रसायनों की सिफारिश की है, जो बाजार में उपलब्ध हैं।
एम.एस.पी.
कमेटी
की
मीटिंग
की
तारीख
भी
आई
किसानों
के
लिए
एक
और
अहम
खबर
यह
है
कि,
एम.एस.पी.
के
लिए
गठित
की
गई
कमेटी
की
मीटिंग
इसी
महीने
होने
वाली
है।
केंद्रीय
कृषि
विभाग
से
जुडे
सूत्रों
के
मुताबिक,
कमेटी
की
पहली
मीटिंग
22
अगस्त
को
की
जाएगी।
इस
मीटिंग
में
एम.एम.पी.
पर
कानून
बनाने
को
लेकर
चर्चा
की
जाएगी।
बता
दें
कि,
केंद्रीय
कृषि
विभाग
ने
मीटिंग
में
16
मैंबरीय
कमेटी
का
गठन
किया
है।
हालांकि,
संयुक्त
किसान
मोर्चा
को
लेकर
अभी
सस्पेंस
बना
हुआ
है
कि
वह
इस
मीटिंग
में
शामिल
होंगे
या
नहीं।
दरअसल,
एम.एस.पी.
कमेटी
में
पंजाब
का
नुमाइंदा
शामिल
नहीं
किया
गया
है,
जबकि
आंदोलन
पंजाब
से
ही
शुरू
हुआ
था।
दूसरी
तरफ
इस
मीटिंग
में
वह
सदस्य
शामिल
हैं,
जिन्होंने
कानून
की
हिमायत
की
थी।
एम.एस.पी.
कमेटी
बनने
के
बाद
सीएम
भगवंत
मान
ने
कृषि
मंत्री
नरेंद्र
तोमर
को
चिट्ठी
भेजी
थी।
सीएम
मान
ने
MSP
कमेटी
में
पंजाब
को
प्रतिनिधित्व
देने
की
बात
कही।
यह
चिंता
की
बात
है
कि,
पंजाब
का
एक
भी
व्यक्ति
इसमें
नहीं
लिया
गया।