पंजाब चुनाव: टिकट बंटवारे में सुखबीर बादल ने अपनाया ये फार्मूला, इन्हें बनाएंगे उम्मीदवार
नई दिल्ली, 28 दिसंबर: पंजाब में होने वाले 2022 के रण में शिरोमणि अकाली दल अपने कोटे से अधिकांश उम्मीदवार घोषित कर चुका है। इन घोषित उम्मीदवारों की लिस्ट में शिअद प्रधान सुखबीर बादल 'अपने तो अपने होते हैं' के फार्मूले पर चुनावी रण में उतर रहे हैं। इस फार्मूले की बड़ी वजह यह है कि शिअद के घोषित अब तक के उम्मीदवारों में अधिकांश राजनीतिक घरानों या बादल परिवार के रिश्तेदार हैं।
शिरोमणि अकाली दल-बसपा गठबंधन में अब तक अकाली दल ने अपने कोटे की 97 सीटों में से 94 उम्मीदवारों की घोषणा कर चुका है। इन घोषित उम्मीदवारों की सूची में एक चौथाई से अधिक राजनीतिक परिवारों के चेहरे हैं। 2022 में होने वाले पंजाब के इस चुनावी रण में प्रदेश के पांच बार मुख्यमंत्री रहे और शिअद के संरक्षक के रूप में इस समय भूमिका निभा रहे प्रकाश सिंह बादल (बड़े बादल) उतरते हैं तो इस एक चौथाई संख्या में 6 उम्मीदवार ऐसे होंगे जो बादल परिवार के करीबी रिश्तेदार होंगे।
पार्टी
के
कुछ
वरिष्ठ
नेताओं
का
कहना
है
कि
अकाली
दल
के
अधिकांश
शीर्ष
नेताओं
को
यह
भरोसा
है
कि
ये
सभी
उम्मीदवार
पंजाब
की
सत्ता
में
वापसी
में
अहम
भूमिका
निभाएंगे।
हालांकि
इन
उम्मीदवारों
के
अतिरिक्त
पार्टी
ने
इस
बार
कुछ
ऐसे
चेहरों
पर
भी
दांव
खेला
है
जो
पूरी
तरह
से
राजनीतिक
गलियारों
में
नए
चेहरे
हैं।
लंबी
से
लड़
सकते
हैं
बड़े
बादल
प्रकाश
सिंह
बादल
के
लंबी
विधानसभा
क्षेत्र
से
चुनाव
लड़ने
की
संभावना
है।
यही
कारण
है
कि
अभी
तक
इस
सीट
पर
किसी
भी
उम्मीदवार
को
टिकट
नहीं
दिया
गया
है।
उनके
बेटे
और
पार्टी
अध्यक्ष
सुखबीर
बादल
जलालाबाद
से
चुनाव
लड़
रहे
हैं।
सुखबीर
के
साले
बिक्रम
सिंह
मजीठिया
मजीठा
विधानसभा
से
पार्टी
के
उम्मीदवार
हैं।
बड़े
बादल
के
दामाद
आदेश
प्रताप
कैरों
पट्टी
से
पार्टी
के
उम्मीदवार
हैं।
इसके
अलावा
बादल
परिवार
के
अन्य
रिश्तेदारों
में
जगमीत
बराड़
और
जनमेजा
सिंह
सेखों
शामिल
हैं।
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प्रकाश
सिंह
बादल
पंजाब
की
पहली
ऐसी
शख्सियत
जो
पांच
बार
मुख्यमंत्री
पद
पर
काबिज
रह
चुके
हैं।
1957
में
पहला
विधानसभा
चुनाव
बड़े
बादल
ने
लड़ा
था।
मोरारजी
देसाई
के
शासनकाल
में
सांसद
भी
रहे।
पंजाब
के
हितों
की
रक्षा
के
लिए
17
साल
तक
जेल
में
भी
रहे।
सुखबीर
बादल
प्रकाश
सिंह
बादल
के
बेटे
हैं।
बड़े
बादल
के
कार्यकाल
के
दौरान
सुखबीर
बादल
सूबे
के
उपमुख्यमंत्री
भी
रह
चुके
हैं।
पिता
के
अच्छे
राजनीतिक
अनुभव
के
कारण
सुखबीर
पंजाब
के
हालात
से
अच्छी
तरह
वाकिफ
हैं।
2022
का
रण
शिअद
सुखबीर
के
नेतृत्व
में
ही
लड़
रही
है।
बिक्रम
सिंह
मजीठिया
पंजाब
में
पूर्व
मंत्री
रह
चुके
हैं।
वह
सुखबीर
बादल
के
साले
हैं।
सूबे
के
युवाओं
में
अच्छी
पकड़
है।
2007
में
मजीठिया
ने
मजीठा
से
पहला
विधानसभा
चुनाव
लड़ा
था।
अभी
तक
शिअद
की
युवा
विंग
की
जिम्मेदारी
संभालते
रहे
हैं।
आदेश
प्रताप
कैरों
यह
पंजाब
के
कैरों
राजनीतिक
परिवार
से
ताल्लुक
रखते
हैं।
पंजाब
में
सबसे
लंबे
समय
तक
सेवा
वाले
मंत्री
रह
चुके
हैं।
यह
निहाल
सिंह
कैरों
के
परपोते,
प्रताप
सिंह
कैरों
के
पोते,
सुरिंदर
सिंह
कैरों
के
बेटे
हैं।
सूबे
की
पट्टी
विधानसभा
से
चार
बार
विधायक
रह
चुके
हैं।