पंजाब: चिटफंड कम्पनी पर्ल की उच्चस्तरीय जांच होगी, मुख्यमंत्री भगवंत मान ने दिए आदेश
चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने चिटफंड कंपनी पर्ल की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। इस बारे में उन्होंने अपने ऑफिशियल अकाउंट से ट्वीट किया। उन्होंने कहा कि, पंजाब की जनता के खून पसीने की कमाई लूट कर अरबों की चल संपत्ति बनाने वाली चिटफंड कंपनी 'पर्ल' की उच्च स्तरीय जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं। इसके बारे में अधिक जानकारी जल्द ही सार्वजनिक की जाएगी।
मालूम हो कि, मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने चुनावों से पहले लोगों से वादा किया था कि लोगों का पैसा लूटने वाली चिटफंड कंपनियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पर्ल और क्राउन जैसी कंपनियों की संपत्ति को जब्त कर लिया जाएगा और आम लोगों को एक-एक पैसा वापस कर दिया जाएगा।
पंजाब: एक्साइज डिपार्टमेंट की बड़ी कार्रवाई, बरामद की गई 53 हजार लीटर से ज्यादा लाहन
इधर,
लाखों
रुपए
के
गबन
मामले
में
हुई
कार्रवाई
विजिलेंस
ब्यूरो
अमृतसर
ने
पंजाब
सरकार
से
लाखों
रुपए
के
गबन
मामले
में
एक
पूर्व
सरपंच,
सहित
3
लोगों
को
गिरफ्तार
किया
है।
इस
मामले
में
एक
एक
पूर्व
बी.डी.ओ.
और
एक
पूर्व
जे.ई.
भी
शामिल
है।
एस.एस.पी.
विजिलेंस
अमृतसर
बार्डर
रेंज
वरिंदर
सिंह
ने
बताया
कि
जसवीर
सिंह
पूर्व
सरपंच
धीरोकोट
जंडियाला
गुरु,
करनजीत
सिंह
पूर्व
बी.डी.ओ.,
ग्राम
पंचायत
सचिव,
पंचायत
धीरोकोट
निवासी
सुदर्शन
नगर
सुल्तानविंड
रोड
अमृतसर,
हरभजन
सिंह
पूर्व
जे.ई.
निवासी
फरीदकोट
(वर्तमान
निवासी)
अमृतसर
के
विकास
कार्यों
के
लिए
सरकार
से
ग्रांट
ली
थी,
जिसमें
8
लाख
9
हजार
744
रुपए
का
गबन
किया
गया
है।
विकास
कार्यों
के
लिए
एक
शामलाट
जमीन
के
साथ
ठेके
का
पिछला
बकाया
तथा
आमदन
जोड़
के
कुल
56.68
लाख
रुपए
हैं।
इसमें
से
38.05
लाख
रुपए
खर्च
किए
गए
और
18
लाख
रुपए
बकाया
थे
लेकिन
जांच
में
पता
चला
कि
बकाया
राशि
8.09
लाख
रुपए
से
कम
है।
विकास
कार्यों
में
कम
पैसा
खर्च
कर
गबन
किया
गया।
विजिलेंस
ब्यूरो
के
डी.एस.पी.
योगेश्वर
सिंह
गुरैया
द्वारा
की
गई
जांच
के
बाद
उक्त
व्यक्तियों
को
गिरफ्तार
किया
गया।
एस.एस.पी.
विजिलेंस
ने
कहा
कि
रिमांड
के
दौरान
उससे
और
भी
खुलासे
होंगे।
उन्होंने
कहा
कि
इस
मामले
की
पूरी
पारदर्शिता
के
साथ
जांच
की
जाएगी।