छत्तीसगढ़ : रबी की फसलों के लिए सरकार मे उठाया अहम कदम
छत्तीसगढ़ में वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा संचालित बिगड़े बांस वनों के सुधार योजना के अंतर्गत प्रदेश में तीन वर्षों के दौरान 73 हजार 795 हेक्टेयर रकबा में सुधार का कार्य किया गय
रायपुर,25 सितंबर- छत्तीसगढ़ में वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा संचालित बिगड़े बांस वनों के सुधार योजना के अंतर्गत प्रदेश में तीन वर्षों के दौरान 73 हजार 795 हेक्टेयर रकबा में सुधार का कार्य किया गया है। योजना के अंतर्गत वर्ष 2022-23 में 78 करोड़ 17 लाख रूपए के बजट का प्रावधान किया गया है। इससे बिगड़े बांस के वनों में सुधार कार्य को काफी गति मिलेगी।
बिगड़े बांस वनों के सुधार योजना के अंतर्गत प्रदेश के बंसोड़ों, पानबरेजा परिवारों औस बांस का काम करने वाले हस्तशिल्प कारीगरों को अधिक मात्रा में अच्छा बांस उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वन एवं वनेत्तर क्षेत्रों में बिगड़े बांस वनों का सुधार तथा बांस रोपण का कार्य कराया जाता है। इसके तहत बिगड़े बांस वनों में गुथे हुए बांस के भिर्रों की सफाई कराकर मिट्टी चढ़ाई का कार्य किया जाता है, जिससे अच्छे करले प्राप्त होते है और बांस वनों की उत्पादकता में वृद्धि भी होती है।
छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड द्वारा रबी सीजन 2022-23 की फसलों के प्रमाणित बीज की दरों का निर्धारण किया गया है। कृषक रबी सीजन के लिए किसान अनाज, दलहन, तिलहन फसलों के प्रमाणित बीज सहकारी समितियों से निर्धारित दर पर क्रय कर सकेंगे।
छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड द्वारा गेहूं के उच्च किस्म के प्रमाणित बीज की दर 3425 रूपए प्रति क्विंटल निर्धारित की गई है, जबकि गेहूं की बौनी किस्म के प्रमाणित बीज की कीमत 3400 रूपए प्रति क्विंटल है। इसी तरह प्रति क्विंटल समस्त किस्मों के चना बीज का मूल्य 7500 रूपए, मटर का 8300 रूपए, मसूर का 8000 रूपए, तिवड़ा का 5000 रूपए, सरसो का 7000 रूपए, अलसी का 6000 रूपए, कुसुम का 6500 रूपए तथा मूंगफली की समस्त किस्मों के प्रमाणित बीज का मूल्य 8200 रूपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।