हरियाणा में नया बिजली प्लांट लगाएगी मनोहर लाल सरकार, सात हजार से ज्यादा लोगों को मिलेगा रोजगार
चंडीगढ़, 28 जून। हरियाणा सरकार ने महाराष्ट्र के नासिक में बिजली प्लांट खरीदने का इरादा त्याग दिया है। प्रदेश सरकार नासिक के बजाय अब हरियाणा में ही अपना एक नया बिजली प्लांट लगाएगी। इसके यमुनानगर में लगने की प्रबल संभावना है। यमुनानगर में पहले से 350-350 मेगावाट क्षमता के दो थर्मल प्लांट काम कर रहे हैं। प्रदेश सरकार जो नया थर्मल प्लांट लगाएगी, वह 750 से 800 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता का होगा। इस प्लांट के लगने से हरियाणा के सात से आठ हजार लोगों को रोजगार मिलने के साथ ही पर्याप्त मात्रा में बिजली उपलब्ध हो सकेगी।
हरियाणा में बिजली की किल्लत के चलते कुछ दिन पहले सरकार ने महाराष्ट्र के नासिक में बंद पड़े एक प्लांट को खरीदने की कार्य योजना तैयार की थी। इसके लिए कोल इंडिया से बातचीत की जानी थी। कोल इंडिया द्वारा इस प्लांट में उत्पादित होने वाली बिजली में आधा हिस्सा मांगे जाने की जानकारी मिली है, जिसे देने को राज्य सरकार राजी नहीं है। प्रदेश सरकार अब इस नतीजे पर पहुंची है कि अपने राज्य से बाहर कोई भी बिजली प्लांट लगाने में न केवल खर्च ज्यााद आएगा, बल्कि उसकी देखभाल और संचालन में भी परेशानी होगी। साथ ही हरियाणा के लोकल लोगों को रोजगार नहीं मिल सकेगा।
इसके अलावा बिजली की आपूर्ति में भी नया सिस्टम खड़ा करना पड़ेगा। ऐसे में बेहतर है कि प्रदेश में ही अपना खुद का नया प्लांट लगाया जाना चाहिए। प्रदेश के बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने नासिक के बजाय हरियाणा में बिजली उत्पादन प्लांट लगाने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि यमुनानगर में यह प्लांट लगाया जा सकता है। वहां पहले से दो थर्मल काम कर रहे हैं। सरकार के पास इन दोनों थर्मल के निकट काफी जमीन पड़ी है। ऐसे में सरकार को अतिरिक्त जमीन की व्यवस्था भी नहीं करनी पड़ेगी। चौटाला के अनुसार फिलहाल 750 से 800 मेगावाट क्षमता का प्लांट लगाने की योजना पर होमवर्क चल रहा है।
अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ चर्चा के बाद लिया जाएगा। जल्दी ही उनकी सीएम के साथ एक मीटिंग होने वाली है, जिसके बाद विभागीय अधिकारियों को यमुनानगर में नया बिजली प्लांट लगाने की तैयारियां करने के निर्देश दिए जाएंगे। बिजली मंत्री के अनुसार हरियाणा में इस समय नौ हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है और लोगों की खपत 10 हजार मेगावाट की है। एक हजार मेगावाट बिजली आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, केरल, ओडिसा और बंगाल से खरीदी जा रही है, क्योंकि वहां मानसून पूरे यौवन पर है। इसलिए इन राज्यों में बिजली की अधिक डिमांड नहीं है। वहां सरप्लस बिजली होने की वजह से हरियाणा से चार से पांच रुपये प्रति यूनिट की दर से सस्ती बिजली मिल रही है।
रणजीत चौटाला ने दावा किया कि हरियाणा के सभी थर्मल प्लांट चालू हालत में हैं। खेड़ में 600-600 मेगावाट क्षमता के दोनों प्लांट ठीक काम कर रहे हैं। इनमें से एक प्लांट चीन से मशीनरी नहीं आ पाने की वजह से अटका हुआ था, जो अब चालू है। बिजली मंत्री ने राज्य के थर्मल प्लांटों में पर्याप्त मात्रा में कोयला होने का दावा किया है। उन्होंने बताया कि आज तक किसी भी थर्मल में कोयले की कमी से बिजली उत्पादन का काम नहीं रुका है। यमुनानगर, झाड़ली, पानीपत और खेदड़ के सभी बिजली उत्पादन प्लांट सुचारू रूप से काम कर रहे हैं। रणजीत चौटाला के अनुसार राज्य की बिजली कंपनियों के पास पर्याप्त मात्रा में कोयला उपलब्ध है। खदानों से कोयले का आगमन एक नियमित प्रक्रिया है। उन्होंने बताया कि हरियाणा को अडाणी ग्रुप से 1024 मेगावाट और एक अन्य कंपनी से 300 मेगावाट बिजली की नियमित सप्लाई हो रही है।