हरियाणा सरकार ने नशे के खिलाफ उठाया सख्त कदम, गृहमंत्री अनिल विज ने पेश की रिपोर्ट
नई दिल्ली। हरियाणा सरकार ने प्रदेश में नशे के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। सरकार ने सदन में पूछे गए सवाल के जवाब में पूरी रिपोर्टस पेश की। इस रिपोर्ट में हरियाणा सरकार ने पूरा ब्योरा दिया, जिसमें सरकार ने पिछले सात सालों में नशे के खिलाफ उठाए गए कदमों की पूरी जानकारी दी। इनेलो विधायक अभय चौटाला ने हरियाणा में नशे से हुई मौत के मसले पर गृह मंत्री अनिल विज को घेरने की कोशिश की, जिसके जवाब में अनिल विज ने विस्तृत रिपोर्ट और आंकड़े पेश किए।
उन्होंने कहा कि पिछले सात सालों से अधिक समय में पूरे हरियाणा में रिहैब सेंटर में 7.12 लाख नशा करने वालों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। जबकि 2018 से हर साल एक लाख से अधिक रजिस्ट्रेशन किए गए हैं। साल 2018 में कुल 1.02 लाख नशे के एडिक्ट लोगों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया। वहीं 2019 में 1.16 लाख, 2020 में 1.08 लाख और 2021 में 1.16 लाख वहीं इस साल 31 जुलाई तक राज्य के विभिन्न रिहैब सेंटर में 97,474 लोग नशा छुड़ाने के लिए रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं।
जनवरी 2021 से लेकर जुलाई 2022 तक 19 संदिग्ध मामले सामने आए हैं, लेकिन विसरा जांच रिपोर्ट के बाद ही सही जानकारी मिल सकेगी कि यह मौतें नशे के कारण हुई है या अन्य कारण रहा है। गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि नशे को रोकने के लिए हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की स्थापना की गई है। नशीली दवा के अधिक सेवन व दुष्प्रयोग के कारण कुछ मौतें हो सकती हैं।