हरियाणा से विदेशों में निर्यात को 2 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचाएगी सरकार, CM खट्टर ने किसे सौंपा जिम्मा?
चंडीगढ़। हरियाणा ने विदेशों में निर्यात दो लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाने का खाका खींचा है। अभी 85 हजार करोड़ रुपये का निर्यात प्रदेश से हो रहा है। निर्यात का नया लक्ष्य हासिल करने के लिए सरकार विदेशियों का मन आयात-निर्यात बिजनेस मीट के जरिये टटोलेगी। 2022 की शुरुआत में इसका आयोजन करने की तैयारी है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने निर्यात बढ़ाने की दिशा में काम करने का जिम्मा विदेश सहयोग विभाग को सौंपा है। इसके बाद से विभाग के उच्चाधिकारी दूसरे देशों की वर्तमान सोच व मांग जानने में जुटे हैं। यूरोपियन व खाड़ी देशों के अलावा अरब देशों में और अधिक निर्यात करने के लिए वहां के बाजारों और जरूरतों का अध्ययन किया जा रहा है।
सूचना प्रौद्योगिकी सेवाओं, शिक्षा, टेक्सटाइल, फुटवियर, चावल, दलहन-तिलहन, विज्ञान उपकरणों, प्लाईवुड व ऑटोमोबाइल इत्यादि क्षेत्रों पर फोकस करते हुए निर्यात बढ़ाने की योजना है। मुख्यमंत्री इसे लेकर विदेश सहयोग विभाग के अधिकारियों के साथ चर्चा कर चुके हैं।
विभाग के महानिदेशक डॉ. अनंत प्रकाश पांडेय ने बताया कि बिजनेस मीट आयोजित करने की रणनीति पर अगले महीने से काम शुरू होगा। हरियाणा क्षमतावान प्रदेश है और इसके अनेक उत्पादों की विदेश में काफी मांग है। जिन उत्पादों की ज्यादा मांग है, उनका उत्पादन बढ़ाकर अधिक आपूर्ति के जरिये निर्यात बढ़ाएंगे। मुख्यमंत्री ने इसकी विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर उन्हें सौंपने को कहा है ताकि उसे अमलीजामा पहनाने के लिए धरातल पर काम शुरू किया जा सके। व्यवसाय में शिक्षा अब नया क्षेत्र है। इसमें अनेक देशों के साथ मिलकर काम किया जा सकता है। नाइजीरिया, कांगो, इथोपिया, मॉरीशस, अन्य अफ्रीकी देश, खाड़ी देश व यूरोपियन देशों में निर्यात के मामले में दूसरे-तीसरे नंबर पर हैं। दुबई से लेकर अमेरिका, अफ्रीका में प्रदेश के बने कपड़ों, इंजीनियरिंग व ऑटो उपकरणों की काफी मांग है। ईरान में चावल निर्यात और बढ़ने की पूरी उम्मीद है।
वर्तमान
में
निर्यात
की
स्थिति
बहादुरगढ़
से
सालाना
2000
करोड़
का
फुटवियर
विदेश
जा
रहा
है,
इसे
दोगुना
करने
का
लक्ष्य
है।
यमुनानगर
से
400
करोड़
की
प्लाई
विदेशों
में
जा
रही
है,
इसे
बढ़ाने
पर
विचार
किया
जा
रहा
है।
पानीपत
से
12
हजार
करोड़
का
कपड़ा
दूसरे
देशों
में
जा
रहा,
इसे
बीस
हजार
करोड़
तक
पहुंचाएंगे।
60
फीसदी
चावल
खासकर
बासमती
विदेशों
में
भेजा
जा
रहा
है,
इसे
बढ़ाया
जाएगा।
अंबाला
के
विज्ञान
उपकरणों
की
विदेशों
में
भारी
मांग
है।
गुरुग्राम-फरीदाबाद
के
ऑटो
सेक्टर,
आईटी
व
इलेक्ट्रोनिक
के
अलावा
निर्मित
वाहनों
की
भी
दूसरे
देशों
में
आपूर्ति