हरियाणा बना पहला राज्य जहां बिना विधानसभा सत्र के भी विधायक सरकार से पूछ सकते हैं सवाल
चंडीगढ़, 17 जून। हरियाणा के विधायकों द्वारा बिना विधानसभा सत्र के भी सरकार से सवाल पूछने का सिलसिला शुरू हो गया है। प्रदेश के आठ विधायकों ने सरकार से 20 सवाल पूछते हुए उनके जवाब मांगे हैं। सवाल पूछने वालों में अटेली से सीता राम यादव अकेले भाजपा विधायक हैं, जबकि बाकी सात कांग्रेस विधायकों ने यह सवाल पूछे हैं।
कांग्रेस के सातों विधायकों ने मुख्यमंत्री द्वारा उनके हलकों में की गई घोषणाओं के अलावा दूसरे प्रोजेक्ट व राज्य सरकार की विभिन्न वर्गों से जुड़ी योजनाओं को लेकर जवाब तलब किया है। अप्रैल व मई माह के दौरान मात्र आठ विधायकों द्वारा सवाल पूछे जाने से विधायकों का इस योजना के प्रति लगाव अच्छा नजर नहीं आ रहा है। हालांकि इन दोनों माह में राजनीतिक गतिविधियां खूब रही, लेकिन विधायकों ने उम्मीद से कम सवाल सरकार से पूछे हैं। अटेली के भाजपा विधायक सीता राम यादव ने अलग-अलग मुद्दों व विभागों से जुड़े तीन सवाल विधानसभा सचिवालय भेजे हैं।
मुलाना के विधायक वरुण चौधरी, गोहाना विधायक जगबीर सिंह मलिक, रोहतक विधायक बीबी बत्रा व एनआइटी फरीदाबाद के विधायक नीरज शर्मा ने तीन-तीन सवाल पूछे हैं। कांग्रेस विधायक आफताब अहमद व मामन खान इंजीनियर ने दो-दो तथा सफीदों से विधायक सुभाष गंगोली ने एक सवाल पूछा है। विधानसभा स्पीकर ने इन सवालों को स्टडी करने के बाद इन्हें सरकार के पास भेज दिया है। अब यह सवाल संबंधित विभागों के प्रशासनिक सचिवों के पास जाएंगे।
विभाग द्वारा इन सवालों के जवाब तैयार कर स्पीकर के पास भेजे जाएंगे। फिर स्पीकर इन जवाबों को संबंधित विधायकों को भेजेंगे। इतना ही नहीं, अगर विधायक विभाग के जवाब से संतुष्ट नहीं हैं तो वे स्पीकर को इसके लिए पत्र लिख सकेंगे। ऐसे में संबंधित अधिकारियों की क्लास भी लग सकती है। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता का कहना है कि यह योजना इसीलिए शुरू की है, ताकि विधायकों को यह शिकायत न रहे कि विभागों के अधिकारी उनकी सुनवाई नहीं करते। अब वे लिखित में सवाल पूछ सकते हैं। उन्हें तथ्यों के साथ जवाब दिए जाएंगे। इसमें लापरवाही करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।