भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक को बिना संबोधित किए ही चली गईं पूर्व CM वसुंधरा राजे, जानिए वजह
कोटा, 16 जून। राजस्थान के कोटा में भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की दो दिवसीय बैठक में राजनीति के कई नए समीकरण देखने को मिले हैं। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया ने बैठक में करीब तीन घंटे बिताए, मगर वे बैठक को बिना संबोधित किए ही चली गईं। राजे को बैठक से इस तरह से जाना सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग इसे भाजपा की गुटबाजी से भी जोड़कर देख रहे हैं।
दरअसल, कोटा में आयोजित राजस्थान भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की दो दिवसीय बैठक में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया को बुधवार सुबह 11 बजे सम्बोधित करना था। वे बैठक में पदाधिकारियों के साथ मंच पर भी बैठीं, मगर भाषण नहीं दिया। ना ही बैठक में अंत तक रुकीं।
खबर है कि कार्यसमिति की बैठक के तीसरे सत्र में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का 25 मिनट का संबोधन था। उनका विषय था-'चार राज्यों में ऐतिहासिक विजय पर और मोदी सरकार द्वारा 10 लाख युवाओं की भर्ती की नई घोषणा एवं अग्निपथ भर्ती योजना पर माननीय प्रधानमंत्री जी का अभिनंदन' था। वे लंच के दौरान कार्यक्रम को छोड़कर चली गईं।
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भाजपा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच ने इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण दिया कि वसुंधरा राजे का संबोधन प्रस्तावित ही नहीं था। समापन के बाद प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने इस बारे में कुछ बोलने से इनकार कर दिया। नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा, उन्हें एक सत्र संबोधित भी करना था, वो बैठक में से समय से पहले क्यों गई, इसका कारण वे ही बता सकती हैं।
इससे पहले जब बैठक शुरू हुई थी, तब सभी नेता मंच पर पहुंच गए। सूत्रों के मुताबिक उस समय काफी देर तक वसुंधरा राजे और प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के बीच कोई संवाद नहीं हुआ। राजे ने मंच पर अपने पास बैठे नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया से चर्चा की। कुछ देर बाद पूनिया ने ही पहल करके राजे से मंच पर बातचीत की।
अपुष्ट सूत्रों के अनुसार, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को उनके मुख्य भाषण के बारे में पहले ही सूचित किया गया था। उन्हें इस पर बोलने के लिए दिन शुरू होने से पहले केवल विषय दिया गया था।