राज्यसभा चुनाव 2022 में राजस्थान भाजपा की गुटबाजी आलाकमान के लिए 2023 की चिंता बनी
जोधपुर, 22 जून। राजस्थान में राज्यसभा चुनाव में हुए नुकसान और पार्टी की राज्य इकाई में गुटबाजी बीजेपी आलाकमान के लिए 2023 की चिंता बनी हुई है. राजस्थान में अगले साल विधानसभा चुनाव से पहले गुटों में बंटी बीजेपी के लिए गहलोत सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी का माहौल तैयार करना आसान नहीं होगा.
देश की सियासत के चुनावों परिणामों में हैरान करने वाली बीजेपी के लिए राजस्थान का रास्ता अभी भी कांटों भरा है. राज्यसभा चुनाव में हुए नुकसान और पार्टी की राज्य इकाई में गुटबाजी बीजेपी आलाकमान के लिए 2023 की चिंता बनी हुई है. राजस्थान में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं ऐसे में गुटों में बंटी बीजेपी के लिए गहलोत सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी का माहौल तैयार करना आसान नहीं है.
माना जा रहा है कि बीजेपी नेतृत्व जल्द ही राज्य में किसी वरिष्ठ नेता को बतौर चुनाव प्रभारी की जिम्मेदारी दे सकता है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी या कोई और प्रभावी नेता को राजस्थान की कमान मिल सकती है. मालूम हो कि राजस्थान में वसुंधरा राजे समर्थक और विरोधी खेमों में बंटी पार्टी आलाकमान की तमाम कोशिशों के बावजूद बिखरी हुई दिखाई दे रही है.
हाल में बीजेपी कार्यसमिति की बैठक में वसुंधरा राजे का भाषण दिए बिना चले जाना और बैठक से पहले बीजेपी नेताओं का आपस में भिड़ना सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना था.
बीजेपी के सामने एकजुटता बड़ी चुनौती!
राजस्थान बीजेपी में आंतरिक कलह ने जोर पकड़ रखा है. बता दें कि केंद्रीय नेतृत्व सामूहिक नेतृत्व में चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में है लेकिन एक धड़ा वसुंधरा राजे को सीएम फेस के लिए आगे रखने का दबाव लगातार बना रहा है. पिछले महीने जयपुर में राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने साफ कहा था कि विधानसभा चुनाव में पार्टी सामूहिक नेतृत्व में मैदान में उतरेगी लेकिन इसके बावजूद बीजेपी में गुटबाजी कम होने का नाम नहीं ले रही है.
IAS SohanLal की सक्सेस स्टोरी : मां अभी भी कर रहीं मनरेगा में मजदूरी, पिता भर रहे ₹ 20 लाख का ब्याज
बुधवार को कोटा में बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति की बैठक से पहले जमकर हंगामा हुआ और फिर बैठक शुरू होने के बाद पूर्व सीएम और पार्टी की वरिष्ठ नेता वसुंधरा राजे की नाराजगी साफ नजर आई। वसुंधरा राजे बैठक छोड़ कर बीच में ही बाहर निकल गईं।
कार्यसमिति बैठक बीच में छोड़ चली गई थी राजे
हाल में कोटा में बीजेपी की कार्यसमिति की बैठक आयोजित की गई जहां सतीश पूनिया से लेकर प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह सहित कई नेता मौजूद थे. मिली जानकारी के मुताबिक बैठक में कुल तीन सत्र होने थे जहां तीसरे सत्र में वसुंधरा राजे का संबोधन तय था जिसके लिए 25 मिनट का समय भी निर्धारित किया गया था.
लेकिन वसुंधरा राजे बिना भाषण दिए बैठक बीच में छोड़ कर चली गई. इससे पहले बैठक में वसुंधरा राजे के मीडिया एडवाइजर और पर्सनल सिक्योरिटी गार्ड को अंदर जाने की इजाजत नहीं मिलने पर वहां हंगामा हुआ जिसके बाद बीजेपी नेता और कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए.