सीएम मनोहर लाल ने कहा- अब स्किल का दौर है, जिलों में भी खुले विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के एक्सटेंशन सेंटर
चंडीगढ़, 20 जून। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा में बनाए गए देश के पहले श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की प्रगति की समीक्षा करते हुए अन्य जिलों में एक्सटेंशन सेंटर खोलने के निर्देश दिए। इनमें युवाओं का कौशल निखारने के लिए विश्वविद्यालय की तर्ज पर रोजगारोन्मुखी कोर्स चलाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वरिष्ठ माध्यमिक स्तर के बाद उच्च शिक्षा में विद्यार्थियों को हुनरमंद बनाना होगा, इसके लिए जिस प्रकार के रोजगारोन्मुखी कोर्स श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में चलाए जा रहे हैं, वैसे ही अन्य जिलों में चलाने के लिए विश्वविद्यालय अपने एक्सटेंशन सेंटर खोले।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के आधुनिक युग में अब स्किल का दौर है। अब पहले वाली थ्री-आर शिक्षा का महत्व नहीं रहा। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ माध्यमिक स्तर के बाद उच्च शिक्षा में विद्यार्थियों को हुनरमंद बनाने पर जोर देना होगा। इसके लिए जिस प्रकार के रोजगारोन्मुखी कोर्स इस विश्वविद्यालय में चलाए जा रहे हैं वैसे ही कोर्स अन्य जिलों में चलाने के लिए विश्वविद्यालय के एक्सटेंशन सेंटर खोलें जाएं।
गुरुग्राम तथा पलवल जिले के अलावा प्रदेश के दूसरे जिलों में भी युवाओं के कौशल को निखारने की जरूरत है। उन जिलों में खाली पड़े सरकारी भवनों की पहचान करके वहां पर सेंटर चलाए जा सकते हैं। यही नहीं उन जिलों में स्थित इंजीनियरिग कालेजों को भी विश्वविद्यालय अपने साथ जोड़े और उन्हें संबद्धता दें। मुख्यमंत्री ने रोजमर्रा के जीवन में आवश्यक कौशल जैसे इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर, रेफ्रिजिरेटर, वाशिग मशीन, एसी आदि रिपेयर करने वाले कोर्स कराने पर बल दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह शार्ट टर्म कोर्स करके युवा अपनी आजीविका अच्छे से कमा सकते हैं तथा परिवार की आय बढ़ा सकते हैं। इसके साथ मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय प्रशासन को इनके यहां से निकलने वाले विद्यार्थियों का डाटा तैयार करने और उनको ट्रैक करने के भी निर्देश दिए। कहा कि केवल सफल विद्यार्थियों का ही डाटा न रखें बल्कि विश्वविद्यालय से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद भी जो युवक-युवतियां कुछ नहीं कर पा रहे हैं, उन पर भी ध्यान दें।
बैठक में विश्वविद्यालय के कुलपति राज नेहरू ने बताया कि विश्वविद्यालय कैंपस का निर्माण पलवल जिले के गांव दुधौला में किया जा रहा है। अब तक 267.64 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जा चुकी है और परियोजना की स्वीकृति के अनुसार 158.15 करोड़ रुपये की बकाया राशि की आवश्यकता है। इस पूरे प्रोजेक्ट पर 425 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक से पहले कुलपति राज नेहरू तथा डा. सीके गरियाली द्वारा जम्मू कश्मीर के लोक साहित्य पर लिखी गई पुस्तक कथासतिसागर का भी विमोचन किया। इस अवसर पर गुरुग्राम के मंडलायुक्त राजीव रंजन सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
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