हरियाणा: सीवर की सफाई में जान गंवाने वाले श्रमिकों के परिजनों को 10 लाख रु. वित्तीय सहायता मिलेगी
चंडीगढ़। हरियाणा सरकार में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को घोषणा की कि सीवर की सफाई के दौरान मरने वाले श्रमिकों के परिजनों को 10 लाख रुपये की वित्तीय सहायता की मदद दी जाएगी। हालांकि अब तक यह सहायता राशि प्रदेश भर के 57 सफाई कर्मियों के परिवारों को दी जा चुकी है. वहीं, मुख्यमंत्री ने मैनुअल स्कैवेंजिंग एक्ट पर गठित राज्य निगरानी समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि "सफाई के काम में लगी निजी कंपनियां अगर इस सहायता को देने में आनाकानी करेंगी तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
दरअसल, प्रदेश के सीएम खट्टर ने मैनुअल स्कैवेंजिंग एक्ट पर गठित राज्य निगरानी समिति की बैठक में अधिकारियों को सभी नगर निगम व नगर पालिकाओं में सीवरेज की सफाई करने वाली मशीनें रोटेशन सिस्टम के हिसाब से उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए. इसके साथ ही बैठक में कहा कि प्रदेश में मैनुअल सीवरेज सफाई कार्य पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है और सीवरेज सफाई के दौरान अगर किसी सीवरमैन की मौत होती है, तो उनके परिवार को ₹10 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाती है. वहीं, अभी तक प्रदेश के 57 सीवरमैन के परिवारों को यह सहायता राशि दी गई है.
UP: विधायक रविंद्रनाथ त्रिपाठी ने इस्तीफे पर दी सफाई
रोटेशन
में
मशीनें
हो
उपलब्ध
वहीं,
इस
बैठक
के
दौरान
मुख्यमंत्री
ने
जन
स्वास्थ्य
अभियांत्रिकी
विभाग
को
निर्देश
दिए
कि
जिन
जगहों
पर
पुराने
सीवरेज
हैं,
वहां
पर
उसी
तरह
की
तकनीक
पर
आधारित
मशीनों
से
सफाई
की
जाए.
इसके
अलावा
जिन
स्थानों
पर
नई
सीवरेज
व्यवस्था
है,
वहां
पर
नए
टेक्नोलॉजी
के
रोबोटिक
मशीनों
से
सीवरेज
की
सफाई
करवाई
जाए.
हालांकि
सीएम
ने
इस
बात
पर
भी
जोर
दिया
कि
विभाग
द्वारा
इस
तरह
मशीनों
की
रोटेशन
करनी
चाहिए
कि
हर
निगम
व
नगर
पालिका
में
मशीनों
से
तय
समय
में
तरीके
से
सीवरेज
की
सफाई
की
जा
सके.
उन्होंने
शहरी
स्थानीय
निकाय
विभाग
के
अधिकारियों
को
निर्देश
दिए
कि
सफाई
के
काम
में
लगे
कर्मचारियों
की
समिति
बनाकर
सफाई
से
जुड़े
ठेके
देने
की
व्यवस्था
बनाई
जाए.
कंपनियों
व
अन्य
ठेकेदारों
के
साथ-साथ
इन्हें
भी
प्राथमिकता
दी
जानी
चाहिए.
जिससे
इस
वर्ग
के
लोगों
का
भी
भला
हो
सके.
मैनुअल
सफाई
करने
पर
लगे
प्रतिबंध
बता
दें
कि
सीएम
ने
कहा
कि
प्रदेशभर
में
मैनुअल
तरीके
से
सीवरेज
की
सफाई
करना
प्रतिबंधित
है.
ऐसे
में
जन
स्वास्थ्य
अभियांत्रिकी
विभाग
लगातार
सफाई
कर्मचारियों
को
अत्याधुनिक
यंत्रों
से
सफाई
करने
का
ट्रेनिंग
दे
रहा
है.
वहीं,
मैनुअल
तरीके
से
सफाई
पर
पूर्ण
प्रतिबंध
लगाने
के
लिए
ही
एक्ट
बनाने
के
साथ-साथ
राज्य
निगरानी
समिति
का
गठन
किया
गया
है.
उन्होंने
कहा
कि
तय
समय
पर
इस
समिति
की
बैठक
होनी
चाहिए,
जिससे
जरूरी
फैसले
लिए
जा
सकें.