तेलंगाना में लोगों के लिए वरदान बन रही सीएम केसीआर की कांति वेलुगु योजना
सीएम केसीआर की कांति वेलुगु योजना तेलंगाना की जनता के लिए एक वरदान साबित हो रही है और लोगों को इसका फायदा मिल रहा है।
अमीरपेट इलाके के एक कांति वेलुगु शिविर में अपने पड़ोसियों के साथ आंखों की जांच के लिए शामिल हुईं 67 वर्षीय वेंकट मंगम्मा को यकीन था कि डॉक्टर उनकी आंखों की रोशनी काफी ठीक पाएंगे। लेकिन, उसके पक्के भरोसे के विपरीत, यह पाया गया कि उसे एक अपवर्तक त्रुटि है, जिसके लिए दवाई और चश्मे की आवश्यकता होती है। शिविर से बाहर निकलते हुए वेंकट मंगम्मा ने कहा कि वो नहीं चाहती कि वो चश्मा पहनें, लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि उन्हें चश्मा लगाना होगा।
वेंकट मंगम्मा उन 80,000 लोगों में शामिल हैं, जिन्हें आंखों की जांच के लिए चल रहे कार्यक्रम कांति वेलुगु के दौरान डॉक्टरों की सलाह पर चश्मा पहनाया गया है। इन लोगों को नहीं मालूम था कि उनकी आंखों में कोई समस्या है। ये लोग नेत्र दोष के साथ जी रहे थे। कुछ को रतौंधी की समस्या का भी सामना करना पड़ रहा था, लेकिन बिना जांच इन्हें अपनी समस्या का पता नहीं चल पाया।
एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया, 'कई लोग चेक-अप के लिए यह सोचकर आए थे कि वे आश्वस्त होकर वापस जाएंगे कि उनकी दृष्टि ठीक है, लेकिन उन्हें यह जानकर आश्चर्य हुआ कि उनकी आंखों में दोष था। जबकि कुछ लोग चश्मा पहनने से हिचकते हैं, एक बार जब हम उन्हें सलाह देते हैं, तो वे आश्वस्त हो जाते हैं और सलाह का पालन करते हैं।'
अधिकारियों ने कहा कि 2018 में कांति वेलुगु कार्यक्रम के पहले चरण के दौरान रेटिना को नुकसान, ग्लूकोमा जैसी गंभीर समस्याओं के मामले में भी पांच में से एक व्यक्ति इस दोष से अनजान पाया गया।
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