झारखंड में ई-गवर्नेंस सेवा के लिए ब्लॉकचेन तकनीक से बनेगा सुरक्षित प्लेटफॉर्म
रांची,7 अक्टूबरः राज्य में ब्लॉक चेन तकनीक के जरिए अत्याधुनिक, पारदर्शी, सुरक्षित व भरोसेमंद डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार होगा। सूचना प्रौद्योगिकी एवं ई-गवर्नेंस विभाग इस काम में जुट गया है। राज्य योजना प्राधिकृत समिति ने इस
रांची,7 अक्टूबरः राज्य में ब्लॉक चेन तकनीक के जरिए अत्याधुनिक, पारदर्शी, सुरक्षित व भरोसेमंद डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार होगा। सूचना प्रौद्योगिकी एवं ई-गवर्नेंस विभाग इस काम में जुट गया है। राज्य योजना प्राधिकृत समिति ने इस मद में 37 करोड़ रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति दे दी है। पहले वर्ष में इस पर 14 करोड़ रुपए खर्च होंगे। राज्य के कई विभागों में चल रही केंद्रीय व राज्य की योजनाओं के लाभुकों के उपलब्ध डाटा को भी एक यूनिफाइड डिजिटल डाटा प्लेटफॉर्म पर लाया जाएगा।
इसके लिए ई-गवर्नेंस विभाग ने टेक्निकल मैन पावर की नियुक्ति के लिए 7 करोड़ रुपए का प्रस्ताव तैयार किया है। इस पर प्रशासनिक स्वीकृति मिलने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। विभाग ने यह प्रस्ताव तैयार कर योजना विभाग को पहले ही भेज चुका है। ज्ञात हो कि पिछले माह एक बैठक में सीएम हेमंत सोरेन ने राज्य में बढ़ते साइबर क्राइम पर चिंता जताई थी और सेंट्रलाइज्ड डेटा सेंटर बनाने का निर्देश दिया था।
वित्त
सचिव
की
अध्यक्षता
में
अंतर
विभागीय
कमेटी
गठित
केंद्र
व
राज्य
की
योजनाओं
के
लाभुकों
के
उपलब्ध
डिजिटल
डाटा
को
एक
प्लेटफॉर्म
पर
लाने
के
लिए
राज्य
के
वित्त
सचिव
की
अध्यक्षता
में
एक
अंतर
विभागीय
कमेटी
गठित
की
गई
है।
इसमें
समाज
कल्याण,
नगर
विकास,
परिवहन,
खाद्य
आपूर्ति,
स्कूली
शिक्षा,
ग्रामीण
विकास,
योजना,
सूचना
प्रौद्योगिकी
व
ई-गवर्नेंस
विभाग
के
सचिव
सदस्य
हैं।
इस
संबंध
में
मार्च
2022
में
एक
बार
समिति
की
बैठक
हुई
थी।
जिसमें
एक
प्रोजेक्ट
मैनेजमेंट
यूनिट
(पीएमयू)
गठित
करने
का
निर्णय
लिया
गया
था।
यह
पीएमयू
5
साल
के
लिए
होगी।
इसमें
परामर्शियों
की
नियुक्ति
तीन
वर्ष
के
लिए
होगी।
जरूरत
पड़ने
पर
इसका
अवधि
विस्तार
भी
हो
सकेगा।
क्या है ब्लॉक चेन तकनीक
क्रिप्टोग्राफिक तकनीक के तहत ब्लॉकचेन सिस्टम तकनीक को विकसित किया गया है। इस सिस्टम में डिजिटल ऑनलाइन सरकारी काम में कोई छेड़छाड़ नहीं कर सकता है। जैसे ही सिस्टम के बाहर या भीतर का कोई आदमी किसी तरह की गड़बड़ी करेगा, वैसे ही वह खुद-ब-खुद पकड़ में आ जाएगा। उसके बाद स्वत: सिस्टम लॉक हो जाएगा।
एनआइसीएसआई हुआ नामित
नेशनल इंफोर्मेटिक्स सेंटर सर्विसेज इनकॉरपोरेटेड (एनआइसीएसआई) को इस प्लेटफॉर्म को क्रियान्वित और मॉनिटरिंग करने के लिए नामित किया गया है।
पीएमयू का उत्तरदायित्व
राज्य
सरकार
के
लिए
देशभर
में
इसी
तरह
की
पहल
व
मौजूदा
योजना
के
डेटाबेस
का
अध्ययन
एकीकृत
डिजिटल
डेटा
प्लेटफॉर्म
के
कार्यान्वयन
के
लिए
रोडमैप
बनाना
टेंडर
द्वारा
चयनित
किए
जाने
वाली
एजेंसी
के
लिए
कार्य
के
दायरे
का
निर्धारण
करना
टेंडर
डॉक्युमेंट
तैयार
करना,
कार्यान्वयन
की
प्रगति
की
निगरानी
करना
परियोजना
के
सफल
कार्यक्रम
के
लिए
और
जो
जो
भी
कार्य
होंगे
वह
भी
करने
का
दायित्व
पीएमयू
का
रहेगा