बुधवार को आएंगे मुख्यमंत्री बघेल, इसलिए सरगर्म हुई प्रशासनिक गतिविधियां
बिलासपुर। 13 अप्रैल को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जिले के प्रवास पर आ रहे हैं। इस दिन साइंस कालेज मैदान में आयोजित होने वाले तीन दिवसीय राज्य स्तरीय किसान मेले का शुभारंभ करेंगे। मुख्यमंत्री बघेल के प्रवास की जानकारी मिलते ही प्रशासनिक गतिविधियां भी तेज हो गई है। यह पहली बार है जब जिला सरकार गांव में पहुंच रही है और ग्रामीणों की समस्याओं का निराकरण गांव में कर रही है। इसी सिलसिले में मंगलवार को जिले के 51 ग्राम पंचायतों में समस्या निवारण शिविर का आयोजन किया जा रहा है। शिविर के जरिए ग्रामीणों की समस्याओं का निराकरण गांव में ही किया जाएगा। इसके लिए मैदानी अमले को सक्रिय किया गया है।
जिला प्रशासन द्वारा विभागीय योजनाओं की जानकारी, समस्याओं एवं सेवाओं के निदान के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर 18 अप्रैल तक शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इन शिविरों के माध्यम से केवल ग्रामीणों की समस्याओं का मौके पर ही निराकरण किया जा रहा है। इसके अलावा ग्रामीणों का शासकीय योजनाओं की जानकारी भी दी जा रही है। मंगलवार को जिले के 51 ग्राम पंचायतों में शिविर लगाई जा रही है।
बिल्हा विकासखंड के ग्राम निपनिया, पासीद, बाम्हू, लिमतरी, मंजूरपहरी, नेवसा, खैरखुण्डी, पोड़ी (स), धौरामुड़ा, दुर्गडीह, सेंवार, झाल, कोटा विकासखंड के ग्राम रानीबछाली, अमाली, मझगवां, मनपहरी, भरदैयाडीह, दवनपुर, नवागांव कर्रा, तेन्दुभाठा, बहेरामुड़ा, मझगांव, मस्तूरी विकासखंड के ग्राम खम्हरिया, कोहरौदा, बुढ़ीखार, भनेसर, बरेली, भिलौनी, रालिया, सोनसरी, नेवारी, रांक, लोहर्सी, कर्रा, कुकुर्दीकला, दर्रीघाट, ठाकुरदेवा,तखतपुर विकासखंड के ग्राम भीमपुरी, पकरिया, ढनढन, खम्हरिया, लिदरी, खैरी, सागर, सल्हैया, पड़रिया, समडील, कपसियाकला, भरारी, भुण्डा, बेलटुकरी में शिविर आयोजित किया गया है।पंचायत भवन में सुबह नौ बजे से शाम छह बजे तक आयोजित शिविर में सचिव, पटवारी, आरएईओ मौजूद रहकर ग्रामीणों की समस्याओं का निराकरण करेंगे।
सरकार
की
छवि
चमकाने
की
मशक्कत
ग्राम
पंचायत
स्तर
पर
समस्या
निवारण
शिविर
के
जरिए
ग्रामीणों
की
समस्याओं
का
निराकरण
करने
के
पीछे
जिला
प्रशासन
द्वारा
राज्य
सरकार
की
आम
जनता
के
बीच
छवि
चमकाने
की
कोशिश
मानी
जा
रही
है।
राजस्व
प्ररकणों
का
निराकरण
भी
किया
जा
रहा
है।
राजस्व
प्रकरणों
के
निराकरण
में
सबसे
ज्यादा
विवाद
की
स्थिति
देखी
जा
रही
है।
संभाग
के
राजस्व
न्यायालयों
में
80
हजार
से
ज्यादा
मामले
लंबित
है।
जिला
प्रशासन
की
कोशिश
है
कि
नामांतरण
बंटाकन
और
सीमांकन
के
प्रकरणों
को
गांव
में
ही
निपटा
दिया
जाए।