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गरीब छात्र भी ले सकेंगे प्राइवेट विश्वविद्यालयों में शिक्षा, आंध्र सरकार ने तय की सभी पाठ्यक्रमों की फीस

आंध्र प्रदेश सरकार ने यह सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है कि गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों के मेधावी छात्रों के लिए सस्ती शिक्षा आसानी से उपलब्ध हो

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हैदराबाद, 28 अक्टूबर। आंध्र प्रदेश सरकार ने यह सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है कि गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों के मेधावी छात्रों के लिए सस्ती शिक्षा आसानी से उपलब्ध हो। लंबे समय से निजी विश्वविद्यालय मनमानी फीस वसूलते आए हैं, जिससे गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों पर अत्यधिक बोझ पड़ा है और इसकी वजह से इन परिवारों के बच्चे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा वहन करने से वंचित रह जाते हैं, लेकिन अब आंध्र प्रदेश सरकार ने निजी विश्विद्यालयों में संयोजक कोटे के तहत 35% सीटें आरक्षित करने और विश्वविद्यालयों द्वारा ली जाने वाली फीस को तय करने का निर्णय लिया है।

Private University

ये 35% सीटें राज्य स्तर पर आयोजित कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के आधार पर सरकार द्वारा उम्मीदवारों को आवंटित की जाएंगी। किसी भी विश्वविद्यालय को अधिक फीस लेने या कोटे के तहत आरक्षित सीटों को देने का अधिकार नहीं होगा। लेकिन डीम्ड विश्वविद्यालयों पर यह नीति लागू नहीं होगी, क्योंकि नियामक निकाय यूजीसी है। लेकिन सरकार ने यूजीसी को पत्र लिखकर एक बड़े वर्ग के हित को ध्यान में रखते हुए सरकार को इसकी अनुमति देने को कहा है। सरकार यूजीसी की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रही है।

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फीस तय करने के अलावा, सरकार 'जगन्ना विद्या दीवेना' के तहत उन छात्रों की फीस का भुगतान भी करेगी जो शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए पात्र हैं। इस सभी महत्वपूर्ण कदम के पीछे के दृष्टिकोण के बारे में बोलते हुए, APSCHE के अध्यक्ष, प्रो हेमचंद्र रेड्डी ने कहा,'हमारे माननीय मुख्यमंत्री का उद्देश्य आंध्र प्रदेश में हर एक छात्र को गुणवत्तापूर्ण और सस्ती शिक्षा उपलब्ध कराना है। एक लंबे समय के लिए, गरीब या मध्यम वर्ग के परिवारों के बहुत सारे छात्र या तो अत्यधिक फीस के बोझ से दबे हुए थे या अधिकारियों द्वारा अत्यधिक फीस वसूलने के कारण निजी विश्वविद्यालयों में उन्हें अपनी सीटों छोड़नी पड़ी। यही कारण है कि सरकार ने सभी छात्रों को उनकी वित्तीय स्थिति को देखते हुए सस्ती शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए शुल्क तय करने का फैसला किया है।' यह व्यवस्था सरकार द्वारा आरक्षित की जा रही 35% सीटों के लिए ही लागू होगी। यह भी बता दें कि सरकार उन छात्रों की फीस का भुगतान भी करेगी जो जगन्नाथ विद्या दीवेना के तहत पात्र हैं। ये 35% सीटें सरकार द्वारा कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के आधार पर छात्रों को प्रदान की जाएंगी। इससे राज्य भर के हजारों परिवारों का उत्थान होगा।

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English summary
Andhra Pradesh government took a big step for the students of poor families
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