
मध्य प्रदेश में 108 एंबुलेंस नियमों की उड़ा रहीं धज्जियां, AAP ने कहा- हमने तो पहले ही उठाया था मुद्दा
MP News: मध्यप्रदेश की सड़कों पर दिख रही छत्तीसगढ़ की 108 एंबुलेंस को लेकर विवाद सामने आया है। इनमें से कुछ पर नंबर ही नहीं है तो कुछ का पंजीयन ही नहीं है। इसको लेकर आम आदमी पार्टी ने कहा था है इससे पहले आम आदमी पार्टी प्रशासन को अवगत करा चुकी थी। लेकिन लगातार मध्य प्रदेश को नुकसान होता रहा। इसके बावजूद इस पर ध्यान नहीं दिया गया।

मध्यप्रदेश में सड़कों पर नियमों का उल्लंघन कर रही इन एंबुलेंसों पर कार्रवाई की मांग उठ रही है। बता दें कि छत्तीसगढ़ में एंबुलेंस का पंजीयन शुल्क नहीं लगता है। प्रदेश में 108 एंबुलेंस संचालन का ठेका लेने वाली कंपनी जय अंबे ने सभी एंबुलेंसों का पंजीयन रायपुर से कराया था। इसके बाद से जनप्रतिनिधि इसे मध्यप्रदेश के राजस्व का नुकसान बताकर कंपनी पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
प्रदेश में दौड़ने वाली लगभग दो हजार एंबुलेंस का पंजीयन एक साल के अंदर मध्यप्रदेश में कराया जाना है। हालांकि पंजीयन कराने पर भी कंपनी को पंजीयन शुल्क के तौर पर आरटीओ में 10 प्रतिशत पंजीयन शुल्क नए वाहन की तरह देना होगा। कंपनी वर्तमान में प्रदेश में दो हजार एंबुलेंस का संचालन कर रही है, इनमें अधिकतर छग के नंबर या बिना नंबर की हैं। ऐसे में प्रदेश में पंजीयन होने पर इससे सरकार को करीब 40 करोड़ का राजस्व मिलेगा। एनएचएम कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार अगले तीन माह में पंजीयन कराया ही जाना है। लेकिन कंपनी ने अभी तक इसे लेकर किसी तरह कि प्रक्रिया शुरू नहीं की है।
RTO नियमों के उल्लंघन से प्रदेश को नुकसान: प्रदीप खंडेलवाल
आम आदमी पार्टी के भोपाल जिला अध्यक्ष प्रदीप खंडेलवाल ने कहा है कि हम तो कब से कह रहे हैं कि मध्य प्रदेश में काफी नुकसान हुआ है। वहीं प्रदेश के आरटीओ को टैक्स के साथ जीएसटी भी नहीं मिल सका है। ऐसे में 108 एंबुलेंस संचालन करने वाली कंपनी से अधिकारियों की मिलीभगत है। जिसके कारण नियमों की अनदेखी कर बिना नंबर की 108 एम्बुलेंस भी प्रदेश में दौड़ रही हैं।