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शनिश्चरी अमावस्या पर ऐसे करें पूजा-अर्चना, मिलेंगे चमत्कारिक परिणाम

आज यानि 13 मार्च को शनिश्चरी अमावस्या है। फाल्गुन माह चल रहा है और चूंकि अमावस्या शनिवार के दिन पड़ रही है इसलिए इसे शनिश्चरी अमावस्या कहा गया है।

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धर्म-कर्म। आज यानि 13 मार्च को शनिश्चरी अमावस्या है। फाल्गुन माह चल रहा है और चूंकि अमावस्या शनिवार के दिन पड़ रही है इसलिए इसे शनिश्चरी अमावस्या कहा गया है। आपको बता दें कि इस अमावस्या का विशेष महत्व माना गया है। कहते हैं कि यदि व्यक्ति आज के दिन पूरे विधि विधान के साथ व्रत रखकर अमावस्या की पूजा करे तो उसके अद्भुत परिणाम मिलते हैं।

Shani Amavasya

व्यक्ति की सारी परेशानियां खत्म हो जाती हैं। यदि व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष, शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या जैसी बाधाएं हैं तो आज उस व्यक्ति के पास इन सब बाधाओं से मुक्ति पाने का बहुत अच्छा दिन है। अगर व्यक्ति व्यर्थ की चिंताओं को छोड़ आज के दिन केवल शनिदेव का ध्यान करें तो उसके सारे कष्ट धीरे-धीरे खत्म हो जाएंगे।

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पूजन की विधि

किसी भी पूजा का फल तभी पूर्ण रूप से मिलता है जब पूजा पूरे विधि विधान के साथ की जाए। शनिश्चरी अमावस्या के दिन उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के पश्चात सर्वप्रथम शनिदेव का ध्यान करें। इसके बाद गुड़, सरसों का तेल और तिल (काले तिल हों तो ज्यादा बेहतर) शनिदेव को अर्पित करें और पीपल के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। इसके बाद अपनी मनोकामना को ध्यान में रखते हुए पीपल के वृक्ष की 7 बार परिक्रमा करें। ऐसा करने से आपकी मनोकामना निश्चित तौर पर पूर्ण होगी।

विशेष पूजन

शनिश्चरी अमावस्या के दिन विशेष पूजन का अपना अलग महत्व है। विशेष पूजन करने से साधक के पित्रों को तृप्ति मिलतीहै और साधक के सारे दोष पूर्ण रूप से खत्म हो जाते हैं। विशेष पूजन करने के लिए घर की पश्चिम दिशा में काले कपड़े पर शनिदेव की मूर्ति या उनका चित्र स्थापित करें। इसके बाद पूरे ध्यान के साथ शनिदेव का ध्यान करें। शनिदेव को पीपल के पत्ते चढ़ाएं और उनके चरणों में सरसों के तेल का दीपक जलाएं। इसके बाद सरसों के तेल में गुड़ और तिल मिलाकर शनिदेव को अर्पित करें। सब क्रिया कर्मों को विधि विधान से करने के बाद शनिदेव को उड़द की खिचड़ी का भोग लगाएं। अपने मन में 'ॐ शं शनिश्चराय नम: का जाप करते रहें। उड़द की बची हुई खिचड़ी को काली गाय को दान करें।

इन वस्तुओं का करें दान
अगर आप इस दिन पूजा का पूर्ण लाभ लेना चाहते हैं तो काले वस्त्रों का दान करें। काले वस्त्रों पर नारियल का तेल लगाकर वस्त्रों को दान करने से संपूर्ण फल की प्राप्ति होती है। इसके अलावा काले तिल, उड़द की दाल, घी जैसी वस्तुओं का भी दान करना चाहिए।

शनि की साढ़े साती के प्रभाव को कम करने अचूक उपाय

अलग-2 राशियों के जातकों को शनिदेव के क्रोध का सामना करना पड़ता है। यदि शनिदेव रूठ जाएं तो जीवन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। शनिदेव का क्रोध जातकों पर साढ़े साती या फिर ढैय्या के रूप में बरसता है। इस दिन 'ॐ शं शनिश्चराय नम: मंत्र का जाप करने से शनि की साढ़े साती से छुटकारा पाया जा सकता है।

किसी भी गलत कार्य या गलत सोच से बचें
व्यक्ति यह नहीं सोचते कि होता वही है जो ईश्वर को मंजूर होता है। इसलिए व्यर्थ में किसी की बारे में गलत न सोचें और ईश्वर के ध्यान में मगन रहें। आपके सारे कष्ट स्वयं समाप्त हो गाएंगे।

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English summary
worship on Shani Amavasya in this way, you will get miraculous results
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