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Varuthini Ekadashi 2021: जानिए कब है वरूथिनी एकादशी, क्या है पूजा विधि?

By Pt. Gajendra Sharma
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नई दिल्ली, 4 मई। वैशाख माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को वरूथिनी एकादशी कहा जाता है। जो लोग वैशाख स्नान कर रहे हैं उनके लिए यह एकादशी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन पवित्र नदियों के जल से स्नान करके अतुलनीय पुण्य प्राप्त किया जा सकता है। जो लोग वैशाख स्नान नहीं कर रहे हैं उन्हें भी इस एकादशी का व्रत अवश्य करना चाहिए। वरूथिनी एकादशी 7 मई 2021, शुक्रवार को आ रही है। इस दिन एकादशी तिथि दोपहर 3.33 बजे तक रहेगी। पद्म पुराण का कथन है किवरूथिनी एकादशी का व्रत करने से बड़े से बड़े संकट से छुटकारा मिल जाता है और मनुष्य दीर्घायु होकर पृथ्वी पर समस्त सुखों का भोग करता है।

जानिए कब है वरूथिनी एकादशी, क्या है पूजा विधि?

वरूथिनी एकादशी व्रत कथा

प्राचीन काल में नर्मदा नदी के तट पर मांधाता नामक राजा राज्य करता था। वह अत्यंत दानशील और तपस्वी राजा था। एक दिन वह जंगल में तपस्या में लीन था। तभी एक जंगली भालू आया और राजा का पैर चबाने लगा। थोड़ी देर बाद भालू राजा को घसीटकर वन में ले गया। किंतु राजा उस समय तपस्या धर्म के संकल्प में थे इसलिए वे भालू पर प्रहार नहीं कर सकते थे। इसलिए राजा ने भगवान विष्णु से रक्षा करने की प्रार्थना की। भक्त की पुकार सुनकर भगवान ने अपने सुदर्शन चक्र से भालू को मारकर अपने भक्त की रक्षा की। भगवान विष्णु ने राजा मांधाता से कहा किहे वत्स। मथुरा में मेरी वराह अवतार मूर्ति की पूजा वरूथिनी एकादशी का व्रत रखकर करो। यह तुम्हारा पूर्व जन्म का अपराध था। राजा ने इस व्रत को अपार श्रद्धा से किया तथा पैरों को पुन: प्राप्त कर लिया।

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व्रत पूजा विधि

वरूथिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के वराह अवतार की पूजा की जाती है। एकादशी का व्रत करने के लिए दशमी के रात्रि भोजन का त्याग किया जाता है। एकादशी के दिन विष्णु भगवान के वराह स्वरूप की पूजा करके कथा सुनें। दिनभर निराहार रहें। इस दिन खरबूजे का फलाहार करना चाहिए। द्वादशी के दिन ब्राह्मण दंपती को भोजन करवाकर, दक्षिणा आदि देकर आशीर्वाद लें।

जानिए कब है वरूथिनी एकादशी, क्या है पूजा विधि?

एकादशी तिथि

  • एकादशी तिथि प्रारंभ 6 मई को दोपहर 2.11 बजे से
  • एकादशी तिथि पूर्ण 7 मई को दोपहर 3.33 बजे तक
  • व्रत का पारण 8 मई को प्रात: 5.50 बजे से 8.27 बजे तक

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English summary
Varuthini Ekadashi 2021, also known as Baruthani Ekadashi, holds great significance and importance for Hindus.
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