Vaishakh Purnima 2020: जानिए कब है वैशाख पूर्णिमा और क्या है इसका महत्व?
नई दिल्ली। वैशाख के महीने की पूर्णिमा 7 मई,को है जिसका काफी पौराणिक महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन दान-पुण्य करने से इंसान के सारे कष्टों का निवारण हो जाता है और गंगा में डुबकी लगाने से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं , फिलहाल अभी देश में लॉकडाउन है इसलिए सभी भक्तगणों से अपील है कि वो घर में रहकर पूर्णिमा की पूजा करें, आपको बता दें कि यह पूर्णिमा जहां धन-संपत्ति, सुख-संपदा और भौतिक सुख-सुविधाएं प्राप्त करने का प्रमुख दिन है, वहीं यमराज की पीड़ा से रक्षा करने के लिए भी अहम दिवस है। वैशाख पूर्णिमा के दिन केवल एक उपाय मनुष्य को आकस्मिक दुर्घटनाएं, घटनाएं और रोगों से सुरक्षा प्रदान कर यमराज की पीड़ा से बचा लेती है। इस एक प्रयोग को करके अकाल मृत्यु को टाला जा सकता है।
शुभ मुहूर्त
मई
6,
2020
को
शाम
7
बजकर
46
मिनट
से
पूर्णिमा
आरंभ
मई
7,
2020
को
शाम
4
बजकर
16
मिनट
पर
पूर्णिमा
समाप्त
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कैसे करें पूजा
- इस दिन सबसे पहले स्नान करके सूर्य भगवान का ध्यान करें, फिर विष्णु जी की पूजा करें।
- ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान और दक्षिणा दें।
- मान्यता है कि दान के जरिए इंसान अपने पूर्व जन्मों में किए गए पापों की माफी मांगता है।
- यदि आप आर्थिक परेशानियों से घिरे हुए हैं। आप पर कर्ज बढ़ता जा रहा हो और आपके परिवार में क्लेश बना हुआ है तो पूर्णिमा के दिन शिवलिंग पर कच्चा दूध, शहद, बेलपत्र, शमीपत्र और फल अर्पित करें।
- सफेद चंदन में केसर मिलाकर शिवजी को लगाएं, इससे गृह क्लेश से मुक्ति मिलेगी, आर्थिक प्रगति के रास्ते खुलेंगे।
सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह
प्रत्येक पूर्णिमा के दिन घर के मुख्य द्वार के बाहर पानी से धोएं। इस पर हल्दी, कुंकुंम की रंगोली बनाएं। द्वार पर ऊपर की ओर आम के ताजे पत्तों की बंदनवार बांधें। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होगा और घर में शुभता आएगी।
रखें इन बातों का विशेष ख्याल
पूर्णिमा
के
दिन
तामसिक
भोजन,
प्याज,
लहसुन,
मांसाहारी
पदार्थों,
शराब
आदि
का
सेवन
नहीं
करना
चाहिए,
इससे
ग्रह
दोषों
में
वृद्धि
होती
है।
पूर्णिमा
के
दिन
संभोग
बिलकुल
नहीं
करना
चाहिए।
इससे
व्यक्ति
को
पितृ
दोष
लगता
है।
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Palmistry:
रेखाएं
बताती
हैं
कैसा
पति
मिलेगा
आपको