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Trimbakeshwar Shiva Temple: ब्रह्मा ,विष्णु और शिव तीनों के होते हैं यहां एक साथ दर्शन, जानिए खास बातें

Trimbakeshwar Shiva Temple: त्र्यंबकेश्वर मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इस मंदिर से कोई भी खाली हाथ नहीं लौटता है। इस मंदिर में लाखों की संख्या में लोग दर्शन करने आते हैं।

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Trimbakeshwar Shiva Temple

Trimbakeshwar Shiva Temple: महाराष्ट्र के प्रसिद्ध त्र्यंबकेश्वर मंदिर में बीते दिन दूसरे धर्म के कुछ लोगों की ओर से जबरन घुसने का प्रयास करने का मामला सामने आया है। हालांकि वो लोग सफल नहीं हो पाए। सरकार की ओर से इस मामले को गंभीरता लेते हुए एसआईटी गठन करने का आदेश दिया गया है।

भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक

फिलहाल इस मामले की जांच हो रही है और जो इसके लिए दोषी हैं, उन्हें इसकी सजा भी मिल जाएगी लेकिन यहां हम बात करेंगे त्र्यंबकेश्वर मंदिर के बारे में, जो कि आस्था का मानक है, कहते हैं कि यहां जो भी सच्चे दिल से मांगा जाता है, वो जरूर पूरा होता है। आपको बता दें कि यह मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।

खास बातें

  • यह मंदिर महाराष्ट्र के नासिक जिले के त्रयंबक गांव में स्थित हैं।
  • इस तीर्थस्थल के गर्भगृह में ब्रह्मा , विष्णु और शिव तीनों के ही दर्शन होते हैं।
  • इसी के निकट ब्रह्मपर्वत से गोदावरी नदी का उद्गम हुआ है।
  • तीसरे पेशवा बालाजी बाजीराव (1740-1760) ने त्र्यंबकेश्वर मंदिर का निर्माण करवाया था।
  • इस मंदिर की खास बात ये है कि चारों दिशाओं में इसकी एंट्री है।
  • इसी मंदिर के पास त्रयम्बकेश्वर-भगवान की विशाल मूर्ति है, कहा जाता है कि गौतम ऋषि ने शिव से प्रार्थना की थी कि वो यहां निवास करें इसलिए इस मंदिर का नाम त्र्यम्बकेश्वर पड़ा है।
  • इस मंदिर में 700 सीढ़ियां बनी हुई हैं, जिन्हें चढ़ने के बाद गोदावरी के उद्गम प्वाइंट के दर्शन होते हैं।
  • त्र्यंबकेश्‍वर मंदिर काले पत्‍थरों से बना हुआ है, वैसे तो ये शिव की पूजा होती है लेकिन जो लोग कालसर्प पीड़ित होते हैं वो यहां इसकी शांति के लिए पूजा करते हैं।
  • ये मंदिर सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक खुला रहेगा, जहां अलग- अलग वक्त पर पूजा आरती होती हैं।
  • यहां जो भी भक्त आता है, वो गाय को हरा चारा जरूर खिलाता है, माना जाता है ऐसा करने से इंसान के घर सुख, शांति का वास होता है।
  • शिवपुराण में त्र्यम्बकेश्वर मंदिर का वर्णन मिलता है, ये मंदिर बहुत भव्य है और यहां पर वास्तु कला का अनुपम रूप देखने को मिलता है।
  • यहां ईश्वर के प्रतिबिंब देखने की प्रथा है, यहां पर मंदिर के सबसे ऊपरी स्थान पर भगवान का दर्पण में छवि देखी जाती है।
  • आपको बता दें कि 12 ज्योतिर्लिगों में श्री त्र्यंबकेश्वर को 10वां स्थान दिया गया है।

माना जाता है कि त्र्यंबकेश्वर मंदिर में महामृत्युंजय मंत्रका जाप करने से इंसान के ऊपर आई मुसीबत कट जाती है इसलिए लोग खास तौर पर महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करवाते हैं।

ॐ हौं जूं स: ॐ भूर्भुव: स्व: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्व: भुव: भू: ॐ स: जूं हौं ॐ !!

इसका मतलब ये है कि मैं तीन नेत्र वाले शिव की पूजा करते हैं जो कि हर सांस में शक्ति का संचार करते हैं और पूरे जगत की रक्षा करते है।

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English summary
Trimbakeshwar temple entry row: Nashik police files FIR against 4 people, govt forms SIT. Know Everything about one of the twelve jyotirlingas in hindi.
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