Somvati Amavasya 2018: इस बार सोमवती अमावस्या और सर्वार्थसिद्धि योग का है शुभ संयोग
नई दिल्ली। 16 अप्रैल सोमवार को आ रही सोमवती अमावस्या पर इस बार चार शुभ संयोग बन रहे हैं। वैशाख मास, सोमवती अमावस्या, सर्वार्थसिद्धि योग और अश्विन नक्षत्र। इन सभी का शुभ संयोग मिलकर सोमवती अमावस्या को विशेष बना रहा है। यह अमावस्या धन प्राप्ति और जीवन की समस्त बाधाओं को दूर करने वाली साबित होगी, लेकिन उसके लिए कुछ खास उपाय करना होंगे।
सोमवती अमावस्या के दिन दान-पुण्य बड़ा महत्व
सोमवती अमावस्या के दिन दान-पुण्य और पवित्र नदियों में स्नान का बड़ा महत्व है। शास्त्रों का कथन है कि इस दिन किया गया दान हजार गुना अधिक फलदायी होता है। इस दिन गरीबों को भोजन करवाना, वस्त्र भेंट करना, फलों का दान आदि करने से जीवन की समस्त बाधाओं को दूर किया जा सकता है। इससे धन, सम्मान, पद, प्रतिष्ठा और समस्त प्रकार के सुख प्राप्त होते हैं। अमावस्या के दिन पितरों के निमित्त किया गया दान पितृ दोष और कालसर्प दोष से भी मुक्ति दिलाता है।
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शुभ संयोग का क्या होगा असर
वैशाख मास में आ रही सोमवती अमावस्या का अधिक महत्व है। वैशाख मास भगवान शिव और विष्णु का प्रिय माह है और इसमें सोमवती अमावस्या का आना दान-पुण्य के लिहाज से अत्यंत शुभ माना जाता है। इसी दिन सवार्थसिद्धि योग भी बन रहा है, जिसमें किए गए समस्त कार्य तुरंत शुभ फलदायी होते हैं। इसके अलावा इस दिन नक्षत्र मंडल का प्रथम नक्षत्र अश्विनी भी है। अश्विनी नक्षत्र के देवता श्रीगणेश होने से यह दिन ज्ञान, बुद्धि बढ़ाने वाला साबित होगा।
क्या करें इस दिन
- सोमवती अमावस्या के दिन समस्त ग्रह-नक्षत्रों और देवताओं की कृपा प्राप्त करने के लिए कुछ विशेष उपाय करें, इससे आपका जीवन सुखों से भर जाएगा।
- सोमवती अमावस्या के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करें । नदी ना हो तो घर में ही पवित्र नदियों का जल डालकर स्नान करें। इसके बाद पीपल के वृक्ष में एक तांबे के कलश से शुद्ध अर्पित करें और पीपल की सात परिक्रमा करें। इससे समस्त ग्रह दोष शांत होते हैं। उग्र ग्रहों की पीड़ा दूर होती है। समस्त सुखों की प्राप्ति होगी और धन संपदा में वृद्धि होगी।
- कालसर्प दोष और पितृ दोष से मुक्ति के लिए सोमवती अमावस्या के दिन किसी ऐसे शिवलिंग पर तांबे या अष्टधातु का नाग लगवाएं जहां अब तक कोई नाग नहीं लगा हुआ है। नाग लगवाने के बाद विधि-विधान से उसकी पूजा करें और महामृत्यंुजय मंत्र का जाप करते हुए कच्चे दूध से अभिषेक करें।
- लगातार धन की हानि हो रही है। बिजनेस अच्छा नहीं चल रहा है। नौकरी में तरक्की नहीं हो रही है तो सोमवती अमावस्या के दिन शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे आटे के सात दीपक बनाकर उनमें सरसों का तेल भरकर जलाएं। पीपल की 21 पदक्षिणा करें और बिना पीछे देखे चुपचाप घर चले आएं। शीघ्र शुभ समाचार मिलने लगेंगे।
- दांपत्य जीवन में परेशानी आ रही है। पति-पत्नी में विवाद होते रहते हों, गृह क्लेश बना हुआ है तो पीपल में मीठा दूध अर्पित करें। किसी बगीचे में खुशबूदार फूलों के पौधे लगाएं। इससे आपसी संबंधों में प्रेम बढ़ेगा।
- घर-परिवार में कोई बीमार चल रहा हो तो सोमवती अमावस्या के दिन रोगी के सिर के उपर से एक नारियल घड़ी की उल्टी दिशा में 21 बार उसारकर बहते जल में प्रवाहित करें। इससे रोगी शीघ्र ठीक होने लगेगा।
कालसर्प दोष और पितृ दोष से मुक्ति
दांपत्य जीवन में परेशानी आ रही है।