Vaishakh Snan 2022: पुण्यदायी वैशाख स्नान 16 अप्रैल से 16 मई 2022 तक
नई दिल्ली, 12 अप्रैल। वैशाख को परम पवित्र माह में से एक कहा गया है। इस संपूर्ण माह में पवित्र नदियों में स्नान, दान, नदियों के समीप वास आदि का बड़ा महत्व है। वैशाख माह में पुण्यदायी नदियों में स्नान करके दान, देव आराधना करके पुण्य और मोक्ष प्राप्त किया जा सकता है। वैशाख स्नान हनुमान जयंती चैत्र पूर्णिमा से बुद्ध पूर्णिमा-वैशाख पूर्णिमा तक किया जाता है। इस बार वैशाख स्नान 16 अप्रैल से प्रारंभ होकर 16 मई तक चलेगा। जो लोग नदियों में स्नान न कर पाएं या उनके आसपास कहीं पवित्र नदियां उपलब्ध न हों वे अपने घर में ही गंगा, नर्मदा आदि पवित्र नदियों का जल डालकर स्नान करें।
स्कंद पुराण में वैशाख स्नान का महत्व बताते हुए कहा गया है किइस माह जो मनुष्य गंगा आदि पवित्र नदियों में सूर्योदय पूर्व स्नान करके भगवान विष्णु के नाम का स्मरण करता है वह अतुलनीय पुण्य का भागी बनता है। वह मनुष्य श्रीहरि का प्रिय बन जाता है। ऐसा मनुष्य पृथ्वी पर समस्त सुखों का भोग करता है और मृत्यु के पश्चात भगवान विष्णु के परमधाम वैकुंठ को प्राप्त होता है।
वैशाख स्नान सूर्योदय से पूर्व ही करने का विधान है। स्नान पवित्र नदियों में या घर में पवित्र नदियों का जल डालकर करें। सूर्य को जल का अर्घ्य अर्पित करें। भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण का स्मरण करें। विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें। पूरे माह वैशाख माहात्म्य की कथा सुनें। तुलसी सहित अन्य पेड़-पौधों की सेवा करें। संध्याकाल के समय तुलसी के समीप दीपक प्रज्वलित करें। वैशाख स्नान करने वाला मनुष्य पूरे माह एक ही समय भोजन करे।
क्या करें वैशाख माह में
- वैशाख माह में जलदान का विशेष महत्व है। अपने पूर्वजों के नाम पर प्याऊ लगवाएं। राहगीरों के साथ पशु-पक्षियों के लिए जल की व्यवस्था करें।
- जरूरतमंद व्यक्ति को पंखा दान किया जाता है।
- खरबूजा, मौसमी फल, नए कपड़े दान करें।
- वैशाख माह में प्रतिदिन विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें। इससे जीवन में सुख-शांति, संपत्ति, भोग विलास के साधन प्राप्त होते हैं।
- भगवान विष्णु के साथ इस माह में मां लक्ष्मी की आराधना भी करें। लाल गुलाब का फूल या कमल का पुष्प मां लक्ष्मी का जरूर अर्पित करें इससे अटूट धन की प्राप्ति होती है।
- वैशाख स्नान के समापन पर बुद्ध पूर्णिमा के दिन नदियों में दीपदान का काफी महत्व है।
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