Pithori Amavasya 2021: पिठोरी अमावस्या आज, जानिए क्यों कहते हैं इसे कुशग्रहणी अमावस्या?
नई दिल्ली, 07 सितंबर। भाद्रपद मास की अमावस्या तिथि को पिठोरी, कुशोत्पाटनी या कुशग्रहणी अमावस्या कहते हैं । इस बार सोमवती अमावस्या के कारण कुशग्रहणी अमावस्या की डेट को लेकर काफी लोगों को भ्रम हो गया है कि इस बार ये किस दिन है? तो आपको बता दें कि इस साल पिठोरी अमावस्या 07 सितंबर को है। ये दिन बड़ा पावन होता है और इस दिन लोग पितरों की आत्मा की शान्ति के लिए तर्पण और दान-पुण्य करते हैं। वैसे इस खास दिन मां दुर्गा के 64 रूपों की पूजा की जाती है।
अमावस्या कि तिथि
इस अमावस्या को कुशग्रहणी अमावस्या कहते हैं क्योंकि इस दिन कुशा को एकत्र करने की परंपरा है। इस एकत्र की गई कुशा को लोग पितृ पक्ष में पूजा के लिए यूज करते हैं।
मां दुर्गा को प्रसन्न करने के मंत्र
सर्वमंगल
मांगल्ये
शिवे
सर्वार्थ
साधिके।
शरण्ये
त्र्यंबके
गौरी
नारायणि
नमोऽस्तुते।।
ॐ
जयन्ती
मंगला
काली
भद्रकाली
कपालिनी।
...
या
देवी
सर्वभूतेषु
शक्तिरूपेण
संस्थिता,
...
नवार्ण
मंत्र
'ॐ
ऐं
ह्रीं
क्लीं
चामुण्डायै
विच्चै'
।
देहि
सौभाग्यमारोग्यं
देहि
मे
परमं
सुखम्
।
रूपं
देहि
जयं
देहि
यशो
देहि
द्विषो
जहि
॥
दुर्गे
स्मृता
हरसि
भीतिमशेषजन्तो
स्वस्थै:
स्मृता
मतिमतीव
शुभां
ददासि।
दारिद्रयदु:खभयहारिणि
का
त्वदन्या
सर्वोपकारकरणाय
सदाअद्र्रचित्ता॥
पत्नी
मनोरमां
देहि
मनोवृत्तानुसारिणीम्।
तारिणीं
दुर्गसंसारसागरस्य
कुलोद्भवाम्॥
सब
प्रकार
के
कल्याण
के
लिए
सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये
शिवे
सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये
त्र्यम्बके
गौरि
नारायणि
नमोऽस्तु
ते॥
शरणागतदीनार्तपरित्राणपरायणे।
सर्वस्यार्तिहरे
देवि
नारायणि
नमोऽस्तु
ते।।
क्या करें और क्या ना करें
इस दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं लेकिन कोविड के कारण अगर आज आप लोग घर से बाहर नहीं जा सकते हैं तो घर में ही स्नान करते वक्त अपने नहाने वाले पानी में गंगाजल की दो बूंदें डालकर स्नान करें और मन लगाकर शिव की पूजा करें और गरीबों को दान दें। आज का दिन बड़ा पावन है। आज के दिन किसी की निंदा ना करें और ना ही घर में झगड़ा किसी से करें। मन शांत रखे और मां के भजन गाएं।