Kartik Poornima 2017: कार्तिक पूर्णिमा आज, जानिए इसका महत्व और पूजा विधि
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नई दिल्ली। आस्था का पर्व कार्तिक पूर्णिमा आज है, आज हजारों की संख्या में श्रद्धालुगण गंगा के घाटों में अलग-अलग स्थानों में उपस्थित हैं। आज के दिन मंदिरों में पूजा अर्चना की जाती है और भारी संख्या में दान-पुण्य किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि आज के दिन गंगा नदी में स्नान करने से जीवन के सारे पाप धुल जाते हैं और स्वास्थ्य एवं समृद्धि में वृद्धि होती है। कुछ लोग आज के दिन उपवास भी रखते हैं और कुछ लोग पूरे दिन व्रत रखकर शाम को भोजन करते हैं। पूर्णिमा तिथि 3 नवंबर के दिन 12 बजकर 58 मिनट से ही शुरू हो गई है जो कि 4 नवंबर के सुबह 11 बज कर 25 मिनट तक रहेगी। आज के दिन अपने घरों में तुलसी के आगे और घर के दरवाजों पर घी के दीपक जलाना शुभ माना जाता है।
कार्तिक पूर्णिमा की पूजा करने से मां लक्ष्मी विशेष रूप से प्रसन्न होती हैं। इस दिन मां लक्ष्मी की आराधना करने से जीवन में खुशियों की कमी नहीं रहती है। इस दिन जो भी जातक मीठे जल में दूध मिलाकर पीपल के पेड़ पर चढ़ाता है उस पर मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है। कार्तिक पूर्णिमा के गरीबों को चावल दान करने से चन्द्र ग्रह शुभ फल देता है। इस शिवलिंग पर कच्चा दूध, शहद व गंगाजल मिलकार चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते है। वैवाहिक व्यक्ति पूर्णिमा के दिन भूलकर भी अपनी पत्नी या अन्य किसी से शारीरिक सम्बन्ध न बनायें वरना चन्द्रमा के दुष्प्रभाव आपको व्यथित करेंगे। मां लक्ष्मी को खीर का भोग लगाना चाहिए।
महत्व
- आज के दिन ही भगवान शंकर ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था इसलिए आज के दिन कई जगह शिव की विशेष अराधना होती है।
- अषाढ़ शुक्ल एकादशी से भगवान विष्णु चार मास के लिए योगनिद्रा में लीन होकर कार्तिक एकादशी को पुनः उठते है और पूर्णिमा से संसार के पालन का कार्य करने लगते है।
पूजा विधि
अगर संभव हो तो इस दिन हर जातक को गंगा स्नान करना चाहिए। स्नान के बाद उसे भगवान विष्णु की पूजा-आरती करनी चाहिए। इस दिन जातक को उपवास रखना चाहिए या फिर एक समय ही भोजन करना चाहिए। नमक का सेवन ना करें इस दिन और हो सके तो ब्राह्मणों को दान दें और उन्हें भोजन कराएं। शाम के समय निम्न मंत्र से चन्द्रमा को अर्घ्य देना चाहिए।
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