Hindu Calendar: यह है अक्टूबर में पड़ रहे व्रत एवं त्योहारों की पूरी लिस्ट, जानिए कब है दशहरा
नई दिल्ली। 17 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ होने जा रहा है, अक्टूबर को त्योहारों का महीना कहा जाता है।
चलिए डालते हैं अक्टूबर के व्रत और त्योहार की लिस्ट पर एक नजर
- 01 अक्टूबर अश्विन अधिक पूर्णिमा।
- 02 अक्टूबर गांधी जयंती, लाल बहादुर शास्त्री जयंती।
- 05 अक्टूबर संकष्टी चतुर्थी।
- 13 अक्टूबर परम एकादशी।
- 14 अक्टूबर प्रदोष व्रत।
- 15 अक्टूबर मासिक शिवरात्रि।
- 16 अक्टूबर आश्विन अधिक अमावस्या।
नवरात्रि प्रारंभ, घट स्थापना या कलश स्थापना
- 17 अक्टूबर, दिन: नवरात्रि प्रारंभऔर महाराजा अग्रसेन जयंती।
- 18 अक्टूबर- मां ब्रह्मचारिणी पूजा
- 19 अक्टूबर- मां चंद्रघंटा पूजा
- 20 अक्टूबर- मां कुष्मांडा पूजा
- 21 अक्टूबर- मां स्कंदमाता पूजा
- 22 अक्टूबर- षष्ठी मां कात्यायनी पूजा
- 23 अक्टूबर- मां कालरात्रि पूजा
- 24 अक्टूबर- मां महागौरी दुर्गा पूजा, शनिवार: दुर्गा अष्टमी और महानवमी।
- 25 अक्टूबर- मां सिद्धिदात्री पूजा, रविवार: दशहरा, विजयादशमी, नवरात्रि पारण।
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पापांकुशा एकादशी
- 26 अक्टूबर, दिन: सोमवार: दुर्गा विसर्जन।
- 27 अक्टूबर, दिन: मंगलवार: पापांकुशा एकादशी
- 28 अक्टूबर, दिन: बुधवार: प्रदोष व्रत, ईद ए मिलाद।
- 30 अक्टूबर, दिन: शुक्रवार: शरद पूर्णिमा, कोजागरी पूजा।
- 31 अक्टूबर, दिन: शनिवार: वाल्मीकि जयंती।
आपको बता दें कि इस बार 17 से 25 अक्टूबर तक नवरात्रि रहेगी और 26 अक्टूबर को दशहरा मनाया जाएगा, जबकि 14 नवंबर को दीपावली मनाई जाएगी।
नवरात्रि के नौ दिन, नौ भोग
- प्रतिपदा- घी- आरोग्य की प्राप्ति के लिए
- द्वितीया- शक्कर या मिश्री- दीर्घायु के लिए
- तृतीया- गाय का दूध- समस्त दुख दूर करने के लिए
- चतुर्थी- मालपुआ- आत्मबल के लिए
- पंचमी- केले- ज्ञान की प्राप्ति के लिए
- षष्ठी- शहद- सौंदर्य वृद्धि के लिए
- सप्तमी- गुड़- बाधा से रक्षा के लिए
- अष्टमी- श्रीफल- पीड़ा को शांत करने के लिए
- नवमी- काले तिल- मोक्ष की प्राप्ति के लिए
विजय-दशमी
मालूम हो कि मां दुर्गा ने महिषासूर से लगातार नौ दिनो तक युद्ध करके दशहरे के दिन ही उसका वध किया था। इसीलिए नवरात्रि के बाद इसे दुर्गा के नौ शक्ति रूप के विजय-दिवस के रूप में विजया-दशमी के नाम से मनाया जाता है।जबकि भगवान श्रीराम ने नौ दिनो तक रावण के साथ युद्ध करके दसवें दिन ही रावण का वध किया था, इसलिए इस दिन को भगवान श्रीराम के संदर्भ में भी विजय-दशमी के रूप में ही मनाते हैं। साथ ही इस दिन रावण का वध हुआ था, जिसके दस सिर थे, इसलिए इस दिन को दशहरा यानी दस सिर वाले के प्राण हरण होने वाले दिन के रूप में भी मनाया जाता है।
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