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हिंदी दिवस: मुझे अपनों ने लूटा.. गैरों में कहां दम था...

By अंकुर शर्मा
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बेंगलुरू। आज हिंदी दिवस है, देश की राष्ट्रभाषा हिंदी है लेकिन फिर भी आज वो भाषा के मानचित्र के हाशिये पर खड़ी है और अपने वजूद के लिए संघर्ष कर रही है। कहने को राष्ट्रभाषा कही जाती है लेकिन अधिकारिक तौर पर अभी भी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है। इसलिए हिंदी भाषा के लिए.. यह कथन पूरी तरह से सही है कि...

मुझे अपनों ने लूटा.. गैरों में कहां दम था... मेरी कश्ती वहीं डूबी.. जहां पानी कम था

ना जाने इसके पीछे कारण क्या है? शायद प्रगतिशील समाज के चलते आज हिंदी भाषियों की हालत काफी पतली है। जो बच्चे हिंदी मीडियम स्कूलों में पढ़ते हैं उन्हें प्रतियोगिताओं में भाषा के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जो उस्ताद होते हैं वो तो किसी तरह इस मुश्किल को झेल लेते हैं लेकिन जो अंग्रेजी में कमजोर होते हैं उनके पास अच्छे सपने और सपनों को पूरा करने का कोई अधिकार नहीं होता है।

अंग्रेजी है वक्त की जरूरत..इसलिए हिंदी का हनन

आज जिंदगी की दौड़ में हिंदी बहुत पिछड़ती जा रही है जब तक इंसान ग्लोबल भाषा अंग्रेजी के साथ नहीं चलेगा वो तरक्की नहीं करेगा जिसके चलते आज मां-बाप अपने बच्चों को अंग्रजी स्कूलों में पढ़ाने के लिए लालायित रहते हैं ताकि जिन समस्याओं से दो-चार वो हो रहे हैं उन चीजों से उनके बच्चे ना हो।

हिंदी की बुरी हालत पर और बातें करेंगे नीचे की स्लाइडों में..

हिंदी का रूप-रंग बदल गया

हिंदी का रूप-रंग बदल गया

बदलते परिवेश ने हमारी भाषा हिंदी का रूप-रंग ही बदल कर रख दिया है। आज अपने छोटे बच्चों को फैन कहना सिखाते हैं ना कि पंखा, आज बच्चों से वाटर मांगा जाता है ना कि पानी, आज बच्चों से पूछा जाता है कि फ्रूट खाओगे ना कि फल।

हिंदी की जगह हिंगलिश

हिंदी की जगह हिंगलिश

आज लोग हिंदी की जगह हिंगलिश बोलते हैं। आप अपने चारों ओर नजर घुमा कर देखिये आपको पता लग जायेगा कि हम सही है। केवल आम जिंदगी ही नहीं हमारे मनोरंजन के साधनों में भी हिंगलिश का बोल-बाला है। मसलन फिल्मों को ही ले लीजिये, द डर्टी पिक्चर, काईटस, रॉकस्टार, नो वन किल्ड जेसिका, वांटेड, रेडी, बॉडीगार्ड, रा वन, हिरोईन, इश्क इन पेरिश तमाम ऐसे उदाहरण हैं जो आपको बता देंगे कि आज लोग हिंदी की जगह हिंदी-इंगलिश मिला कर बोलते हैं।

मीडिया ने भी नहीं दी तवज्जो

मीडिया ने भी नहीं दी तवज्जो

यही नहीं आज जागरूकता अभियान के तहत भी हिंदी को लेकर कहीं बातें नहीं होती हैं, जहां होती हैं उसे हमारे मीडिया वाले वाले कवर नहीं करते हैं। चाहें तो आप खुद देख लीजिये। हिंदी दिवस के मौके पर केवल डीडी न्यूज को छोड़कर कौन सा चैनल आपको कोई कार्यक्रम दिखा रहा होगा।

भाषा का ना करें अनादर

भाषा का ना करें अनादर

किसी भी भाषा की अपनी एक पहचान होती है, माना की अंग्रेजी आज जरूरत है लेकिन हिंदी आपकी पहचान है, इसलिए जरूरत के आगे पहचान का अपमान तो नहीं होना चाहिए। वक्त की दरकार यही है।

करीब दस हिंदी शब्दों का प्रयोग

करीब दस हिंदी शब्दों का प्रयोग

यह तस्वीर है आज की जो हमने आप के सामने पेश की। इसे पढ़ने के बाद अगर हर रोज आप खुद से और अपने लोगों से करीब दस हिंदी शब्दों का प्रयोग करके भी बात कर लें तो हमारा लिखना सफल हो जायेगा और हिंदी भाषा के साथ थोड़ा इंसाफ हो जायेगा।

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खबरों के शोर में दबा हिन्दी के दो गुरुओं का जन्म दिन

खबरों के शोर में दबा हिन्दी के दो गुरुओं का जन्म दिन

<strong>खबरों के शोर में दबा हिन्दी के दो गुरुओं का जन्म दिन</strong>खबरों के शोर में दबा हिन्दी के दो गुरुओं का जन्म दिन

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English summary
Hindi divas is celebrated on september 14 and it is celebrated so because on this day our constituent assembly adopted hindi as the official language of the assembly in 1949.
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